बिलासपुर: बिलासपुर शहर में चारों तरफ बिजली के लिए हाहाकार मचा हुआ है. बीते एक माह से लगातार बिजली बंद होने से उपभोक्ता आक्रोशित हैं. बिजली विभाग की लापरवाही के कारण अब लोग घेराव और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाने में भी पीछे नहीं हट रहे हैं. इसके बाद भी विद्युत सप्लाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है. पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान घंटों लाइट बंद होने की समस्या से आम जनता परेशान होने लगी (Bilaspur Power is turned off without reason) है.अधिकारी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहे हैं. अधिकारी मेंटेनेंस की बात कह कर समस्या से पल्ला झाड़ रहे हैं. इस मामले में बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने विभाग को व्यवस्था सुधारने को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. व्यवस्था नहीं सुधरने पर कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है.
विभाग झाड़ रहा पल्ला: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी की लापरवाही से आम जनता परेशान हो गई है. बिजली बंद कर सुधार की बात कह कर विभाग बिजली की समस्या से पल्ला झाड़ रहा है. रोजाना दिन और रात मिलाकर राहत के नाम पर 4 से 5 घंटे तक बिजली बंद कर मेंटेनेंस का अभियान चलाया जा रहा है. मानसून में बिजली बंद ना हो इसके लिए विद्युत वितरण कंपनी ने भीषण गर्मी में भी बिजली बंद कर राहत देने के नाम पर मेंटेनेंस किया था. तब भी लोग बिजली बंद से काफी परेशान रहे. इसमें विद्युत वितरण कंपनी सिटी सर्किल ने लाखों रुपए खर्च भी किए. इसके बाद भी उसका लाभ शहर के सवा लाख उपभोक्ताओं को नहीं मिल पा रहा है. आंधी तूफान और बारिश में बिजली बंद होना आम बात है. इसके लिए उपभोक्ता भी तैयार रहते हैं, लेकिन बिना कारण सर्वाधिक बिजली बंद हो रही है.
तकनीकी खराबी की बात कहते हैं अधिकारी: छत्तीसगढ़ स्टेट विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी तकनीकी खराबी के कारण बिजली बंद होने पर सुधार करने की बात कहते हैं. घंटों बाद बिजली फिर उसी स्थिति में पहुंच जाती है. आम जनता को तकनीकी खराबी की जानकारी देने वाले अधिकारी खुद ही नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर बिजली बंद क्यों हो रही है. लोगों को 5 से 6 घंटे तक बिना बिजली के रहना पड़ रहा है. अधिकारी बार-बार मेंटेनेंस के नाम पर बिजली बंद होने की बात कहते हैं. लेकिन अब आम जनता भी यह सवाल उठाने लगी है कि आखिर किस तरह का मेंटेनेंस है कि रोज बिजली बंद होने की स्थिति पैदा हो जाती है.
अधिकारियों के पास आंधी-तूफान का बहाना : बारिश के मौसम की शुरुआत होने के दौरान आंधी तूफान चलता है. घंटों बिजली बंद कर दी जाती है. इस मामले में बिजली विभाग के कार्यपालन अभियंता सुरेश जांगड़े कहते हैं, "कई बार आंधी तूफान की वजह से तारों पर पेड़ गिर जाता है. शार्ट सर्किट की वजह से ट्रांसफार्मर खराब हो जाता है. ट्रांसफार्मर को खराब होने से बचाने के लिए बिजली बंद कर दी जाती है. लेकिन आंधी के बंद होने के बाद फिर से सप्लाई शुरू कर दी जाती है."
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बिना आंधी तूफान और बारिश के बंद होती है बिजली: विभाग आंधी तूफान का बहाना बनाकर बिजली तो बंद करता है लेकिन इस मामले में आम जनता कुछ अलग ही सोचती है. आम उपभोक्ताओं से बात करने पर उन्होंने बताया, " बिजली विभाग मेंटेनेंस के नाम पर पूरा साल उन्हें परेशान करती है." व्यापार विहार में रहने वाले शिव कुमार ने बताया, " पहले तो आंधी तूफान और बारिश की वजह से बिजली विभाग बिजली गुल कर देता था लेकिन अब केवल मौसम में थोड़ा सा परिवर्तन आते ही बिजली बंद कर दी जाती है. ऐसे में उन्हें कई तरह की तकलीफ भी होती है." इस मामले में सरकंडा में रहने वाले पवन सोनी का कहना है, "आम उपभोक्ताओं को विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बेवकूफ मानते हैं. यदि रोजाना मेंटेनेंस के नाम पर बिजली बंद की जाती है तो आखिर आगे चलकर बिजली बंद होने की समस्या सामने क्यों आती है? आम जनता के साथ बिजली विभाग मजाक करता है या फिर जानबूझकर उन्हें परेशान करने की कोशिश करता है."
बिना कारण बिजली बंद हुई तो होगी करवाई: बिलासपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने बिजली विभाग के अधिकारियों को चेतावनी दी है कि यदि बिना कारण बिजली बंद हुई तो मामले से जुड़े लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यदि सामानों की कमी या मैन पावर कम हो तो वे उन्हें जानकारी दें ताकि वे वैकल्पिक व्यवस्था के साथ ही सामानों की खरीदी के लिए राज्य सरकार को अवगत कराएं. क्योंकि विद्युत वितरण कंपनी होने के नाते सामानों की कमी नहीं हो सकती है और यदि बिना कारण बिजली बंद हुई तो कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी.