बिलासपुर: केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हर गरीब को आशियाना दिलाने का बीड़ा उठाया है. ताकि हर गरीब परिवार के पास सिर छुपाने के लिए छत हो, लेकिन सरकारी नुमाइंदों की वजह से इन योजनाओं को पलीता लग रहा है. जिसकी वजह से ये योजनाएं सफल नहीं हो पा रही हैं. हाल ही में मरवाही ब्लॉक में रोजगार सहायक ने एक गरीब परिवार के सपनों को चकनाचूर कर दिया. रोजगार सहायक पर प्रधानमंत्री आवास योजना के पैसे को डकारने का आरोप लगा है.
मरवाही ब्लॉक के सिलपहरी गांव के कुंदन मराबी पेशे से किसान हैं. वह बचपन से छप्पर वाले मकान में रह रहे हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनके नाम पर घर की स्वीकृति मिली. इससे कुंदन का परिवार खुश हो गया. अपने परिवार के साथ पक्के मकान में रहने के सपने देखने लगा, लेकिन रोजगार सहायक ने कुंदन के सपनों पर पानी फेर दिया.
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रोजगार सहायक पर भ्रष्टाचार के आरोप
कुंदन ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाने के लिए उसके खाते में पैसे जमा हुए. कुंदन मराबी ने पहली किश्त मिलने पर घर के लिए नींव रख दी. इसी बीच सिलपहरी गांव के रोजगार सहायक की नजर आवास योजना की रकम पर पड़ी. रोजगार सहायक ने कुंदन को बहला फुसलाकर दूसरी किश्त की रकम 40 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए. अब रोजगार सहायक कुंदन का न घर बनवा रहा है और न ही पैसे वापस कर रहा है. ऐसे में आवास निर्माण का कार्य अधूरा पड़ा है.
जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की बात
कुंदन ने बताया कि मामले में रोजगार सहायक से बात करने पर वह बात को टाल देता है, जिसके बाद कुंदन ने इसकी शिकायत पेंड्रा थाने और जनपद पंचायत मरवाही में की है. वहीं मामले में प्रधानमंत्री आवास समन्वयक का कहना है कि सिलपहरी गांव के कुंदन मराबी ने शिकायत दर्ज कराई है. आरोपी के खिलाफ जांच के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आरोपी रोजगार सहायक पर क्या हो पाएगी कार्रवाई ?
बता दें कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार का ये पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई हितग्राही रोजगार सहायकों की लापरवाही को जिम्मेदारों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन मरवाही ब्लॉक के जिम्मेदार प्रधानमंत्री आवास योजना में हो रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहे हैं. अब देखने वाली बात है कि भोले-भाले ग्रामीणों को बहला फुसलाकर चूना लगाने वाले लोगों पर कार्रवाई होती है या फिर गरीब कुंदन को निराशा हाथ लगती है.