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धान खरीदी में करोड़ों के नुकसान को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

धान उठाव में लापरवाही को लेकर पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई (Ajay Chandrakar filed a petition in Bilaspur High Court) थी. जिसके बाद हाईकोर्ट ने धान खरीदी से जुड़ी सारी जानकारी 4 हफ्ते में उपलब्ध कराने के लिए शासन को आदेश दिया है.

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Published : Jul 6, 2022, 12:43 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 12:56 PM IST

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धान खरीदी में करोड़ों के नुकसान को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई

बिलासपुर : पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की याचिका (Ajay Chandrakar filed a petition in Bilaspur High Court) पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से धान खरीदी में धान की सूखत, बचत और खरीदी की तादाद पर 4 सप्ताह में विस्तृत ब्योरा पेश करने को कहा है. पूर्व मंत्री ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर धान खरीदी योजना के तहत 2018-19, 2019-20, 2020-21 में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी (Allegation of disturbances regarding purchase of paddy in Chhattisgarh) है.

क्या है मामला : भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे विधायक अजय चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका में अजय चंद्राकर ने हाईकोर्ट में धान खरीदी योजना के तहत 3 साल में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी है. याचिका में चंद्राकर ने कहा है कि '' सरकार की उदासीनता और गलत कार्यप्रणाली के चलते पब्लिक मनी के 1198 करोड़ रुपए का नुकसान (Ajay Chandrakar said about the loss of crores) हुआ है. शासन की धान खरीदी योजना में गलत नीतियों के कारण खरीदे गए धान के लिए नियम नहीं होने, समय पर उठाव नहीं होने से धान में नमी की कमी हुई और धान को सूखा घोषित करना पड़ा. मिलिंग सही समय पर नहीं होने के कारण भी यह नुकसान हुआ है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए धान खरीदी का पूरा ब्यौरा पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. 4 सप्ताह में शासन के द्वारा जवाब पेश किया जाएगा.

ये भी पढ़ें - बिलासपुर हाईकोर्ट में लगी धान खरीदी को लेकर याचिका

विधानसभा में भी गूंजा था मामला : इससे पहले याचिकाकर्ता अजय चंद्राकर ने विधानसभा में भी सवाल पूछा (Paddy procurement issue was raised in Chhattisgarh Legislative Assembly) था. जिसका जवाब संबंधित विभाग के मंत्री ने दिया था. इस नुकसान की जानकारी होने के बाद उन्होंने क्षति की रकम जो लगातार बढ़ रही है, उसे रोकने और उचित कदम उठाने के साथ ही जांच की मांग की है. इसमें याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री ने किनके कारण यह नुकसान हुआ है, उसकी जांच कराने की मांग की. आगे नुकसान न हो, इसके लिए क्या कदम‌ उठा रहे हैं, इसके लिए निर्देश देने का भी निवेदन किया है.

बिलासपुर : पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर की याचिका (Ajay Chandrakar filed a petition in Bilaspur High Court) पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने शासन से धान खरीदी में धान की सूखत, बचत और खरीदी की तादाद पर 4 सप्ताह में विस्तृत ब्योरा पेश करने को कहा है. पूर्व मंत्री ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर धान खरीदी योजना के तहत 2018-19, 2019-20, 2020-21 में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी (Allegation of disturbances regarding purchase of paddy in Chhattisgarh) है.

क्या है मामला : भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे विधायक अजय चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका में अजय चंद्राकर ने हाईकोर्ट में धान खरीदी योजना के तहत 3 साल में हुई गड़बड़ी को चुनौती दी है. याचिका में चंद्राकर ने कहा है कि '' सरकार की उदासीनता और गलत कार्यप्रणाली के चलते पब्लिक मनी के 1198 करोड़ रुपए का नुकसान (Ajay Chandrakar said about the loss of crores) हुआ है. शासन की धान खरीदी योजना में गलत नीतियों के कारण खरीदे गए धान के लिए नियम नहीं होने, समय पर उठाव नहीं होने से धान में नमी की कमी हुई और धान को सूखा घोषित करना पड़ा. मिलिंग सही समय पर नहीं होने के कारण भी यह नुकसान हुआ है. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए धान खरीदी का पूरा ब्यौरा पेश करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है. 4 सप्ताह में शासन के द्वारा जवाब पेश किया जाएगा.

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विधानसभा में भी गूंजा था मामला : इससे पहले याचिकाकर्ता अजय चंद्राकर ने विधानसभा में भी सवाल पूछा (Paddy procurement issue was raised in Chhattisgarh Legislative Assembly) था. जिसका जवाब संबंधित विभाग के मंत्री ने दिया था. इस नुकसान की जानकारी होने के बाद उन्होंने क्षति की रकम जो लगातार बढ़ रही है, उसे रोकने और उचित कदम उठाने के साथ ही जांच की मांग की है. इसमें याचिकाकर्ता पूर्व मंत्री ने किनके कारण यह नुकसान हुआ है, उसकी जांच कराने की मांग की. आगे नुकसान न हो, इसके लिए क्या कदम‌ उठा रहे हैं, इसके लिए निर्देश देने का भी निवेदन किया है.

Last Updated : Jul 6, 2022, 12:56 PM IST

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