बिलासपुर: शहर में अवैध निर्माण करने वालों को और भले ही नियमितीकरण का मौका मिलने वाला (construct illegal buildings in Bilaspur ) है. लेकिन इसके लिए भारी-भरकम पेनाल्टी देनी होगी. सरकार ने इसके पहले 2016 में भी नियमितीकरण का मौका दिया था. लेकिन उस समय एक हजार वर्ग फीट तक के अवैध और नियम विरुद्ध निर्माण पर किसी तरह का शुल्क नहीं लिया गया था. लेकिन अब राज्य सरकार प्रॉपर्टी के नियमितीकरण करने पर अवैध को वैध करने के लिए 50 गुना तक पेनाल्टी लेने की तैयारी कर रही है.
नक्शा पास कराने को लेकर नहीं कोई गंभीर: शहर विस्तार के साथ ही नए मकान, दुकान, कॉम्प्लेक्स, और टावर का निर्माण लगातार हो रहा है. निर्माण के साथ ही लोग नक्शा पास करने को लेकर गंभीर नहीं हैं. साथ ही नक्शे के विपरीत निर्माण कराने लगे हैं. कुछ लोग तो नक्शे से ज्यादा भी निर्माण कर लेते है. ऐसे लोगों को अब शासन बड़ा झटका देने वाली है. शासन ने 1 हजार वर्ग फीट से ज्यादा निर्माण होने पर ही पेनाल्टी दी थी. लेकिन इस बार 1000 वर्ग फीट अवैध निर्माण को वैध करवाने के लिए 24 हजार रुपए तक पेनाल्टी देनी होगी. बिलासपुर जिले की बात करें तो पिछले 5 सालों में 8 हजार से अधिक निर्माण अवैध की श्रेणी में है. इनमें नक्शे के विपरीत बिना नक्शा पास अनुमति से अधिक निर्माण मिले हैं.
नए कानून के तहत ये है नियम: ज्ञात हो कि सरकार ने 2022 में नियमितीकरण कानून संशोधित कर पास किया है. नए कानून के तहत पेनाल्टी की गणना भवन निर्माण, अनुज्ञा शुल्क, नक्शा पास करवाने के लिए जितनी फीस है. उसकी 16 गुना पेनाल्टी लेकर ही अवैध निर्माण को वैध किया जाएगा. इस तरह जैसे-जैसे अवैध निर्माण का क्षेत्रफल बढ़ता जाएगा. पेनाल्टी की रकम उसी अनुपात में बढ़ती जाएगी. जैसे 2 हजार वर्ग फीट पर निर्मित भवन का नियमितीकरण शुल्क उसके भवन निर्माण अनुज्ञा शुल्क का 21 गुना होगा. अवैध निर्माण क्षेत्र के आधार पर 51 गुना तक पेनाल्टी वसूल कर नियमितीकरण किया जाएगा.
विधानसभा में ध्यानाकर्षण में ये बात आई थी सामने: भाजपा से बेलतरा के विधायक रजनीश सिंह ने इस मामले में कहा कि वे विधानसभा सत्र के दौरान ध्यान आकर्षण केंद्र में सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा था कि मकान का नक्शा पास करने के नियम का सरलीकरण करें. यह तय करें कि आवेदन देने के कितने दिन बाद नक्शा पास कर दिया जाएगा और यह नियम भी बनाए कि यदि नक्शा पास तय समय सीमा पर नहीं किया जाए तो निर्माणकर्ता अपने मकान का निर्माण शुरू कर दे. जिसके लिए उसे किसी तरह की पेनाल्टी ना देनी पड़े.
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नियमितीकरण के लिए अगले महीने से आवेदन लिए जाएंगे: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग में नियमितीकरण के नियम और प्रक्रिया का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेज दिया है. इसका नोटिफिकेशन भी इस महीने के अंत तक आ जाएगा. निगम सीमा क्षेत्र के लोग निगम के जोन दफ्तरों में आवेदन जमा कर सकेंगे. जो लोग निगम सीमा से बाहर हैं. फिर सीधा जिला टाउन एंड कंट्री प्लानिंग में आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे. अधिकारियों के अनुसार 2016 में जिन लोगों के निर्माण नियमित नहीं हो पाए और जिन नए निर्माणकर्ताओं को अपने भवनों का नियमितीकरण कराना है. यह आवेदन कर सकेंगे आवेदन की प्रक्रिया ऑफलाइन ही रहेगी. इस पर भी विचार किया जा रहा है कि ऑनलाइन आवेदन भी जमा किए जा सके.
इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत: टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों ने बताया कि नियमितीकरण के लिए आवेदन करने के समय लोगों को मकान की रजिस्ट्री या B1 नजरी नक्शा निगम में पंजीकृत इंजीनियर से भवन की निर्मित संरचना यानी नक्शा इत्यादि प्रस्तुत करना होगा. सरकारी सड़क नाली उद्यान इत्यादि में अवैध निर्माण भवनों का नियमितीकरण नहीं हो सकेगा. जिला स्तर पर नियमितीकरण प्राधिकारी की समिति में कलेक्टर अध्यक्ष, जिला पुलिस अधीक्षक, निगम कमिश्नर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग का प्रभारी अधिकारी सदस्य होगा.