बिलासपुर :हम तो डूबे हैं सनम तुम्हें भी कहीं का नहीं छोड़ेंगे. कुछ ऐसा ही हुआ बिलासपुर के मेयर रामशरण यादव के साथ.जिन्हें कांग्रेस से निष्कासित नेता और पूर्व विधायक पर भरोसा करना महंगा पड़ गया. नगर निगम के मेयर रामशरण यादव को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. महापौर के वायरल ऑडियो पर पीसीसी ने संज्ञान लेते हुए पहले रामशरण को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.लेकिन 24 घंटे बाद जब रामशरण ने जवाब दिया तो उनके जवाब से पीसीसी संतुष्ट नहीं हुआ.लिहाजा रामशरण को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया.
ऑडियो कांड के बाद घिर गए मेयर: आपको बता दें कि रामशरण और अरुण तिवारी के बीच कुछ ऐसी बातें हुईं थी जो खुद अरुण तिवारी ने मीडिया के सामने रख दी.इन बातों को जिस किसी ने सुना वो हैरान हो गया,क्योंकि बात काफी गंभीर थी.अरुण तिवारी ने रामशरण से हुई बात का हवाला देते हुए मौजूदा विधानसभा चुनाव में पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया था.इस बात के सबूत के तौर पर अरुण तिवारी ने अपनी और मेयर रामशरण यादव के बीच हुई बात का ऑडियो पेश किया.
अरुण तिवारी ने आडियो जारी कर मचाया था हड़कंप :सीपत के पूर्व विधायक और कांग्रेस से निष्कासित नेता अरुण तिवारी ने अपने और मेयर रामशरण के फोन की बातचीत का ऑडियो जारी किया था. जिसमें 4 करोड़ रुपए लेकर बेलतरा सीट के लिए टिकट देने की बात कही गई थी.टिकट देने के लिए कुमारी शैलजा पर पैसे लेने का आरोप लगाया था.
वायरल ऑडियो में क्या हुई थी बात ?: बिलासपुर के महापौर रामशरण यादव और सीपत के पूर्व विधायक और कांग्रेस से निष्कासित नेता अरुण तिवारी के बीच फोन में बातचीत हुई थी. जिसमें मेयर रामशरण ने कहा था कि वो बेलतरा विधानसभा से चुनाव लड़ना चाहते थे. कांग्रेस के सर्वे में सबसे ऊपर थे. टिकट उन्हें मिलना चाहिए था. लेकिन पार्टी के नेताओं ने उनके सर्वे पर ध्यान ना देकर विजय केशरवानी को टिकट दिया. बेलतरा की टिकट 4 करोड़ रुपए लेकर बेच दी गई है. इस मामले में मेयर ने बेलतरा सीट के लिए कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा पर पैसे लेकर टिकट देने का आरोप लगाया था.