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शॉपिंग कार्ड बनाने के लिए आ रहे हैं इस तरह के कॉल, हो चुकी है 1 लाख से अधिक की ठगी - Fraud in the name of making shopping cards

कलेक्ट्रेट के कर्मचारी के साथ शॉपिंग कार्ड बनाने के नाम पर 1 लाख 20 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. युवक ने मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की है.

शॉपिंग कार्ड बनाने के नाम धोखाधड़ी
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Published : Oct 27, 2019, 11:50 AM IST

Updated : Oct 27, 2019, 2:25 PM IST

बिलासपुर: एक निजी कंपनी का शॉपिंग कार्ड बनाने के नाम पर कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पहले मोबाइल में एप डाउनलोड कराया और फिर बैंक खाते से एक लाख बीस हजार रुपए निकाल लिए गए.

युवक से 1 लाख से अधिक की ठगी

मोबाइल पर अचानक आए मैसेज से हड़बड़ाए युवक ने फौरन बैंक पहुंचकर मामले की जानकारी दी और अकाउंट ब्लॉक करने के लिए कहा. पीड़ित युवक ने आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

1 lakh rupees fraud with youth in bilaspur
युवक से 1 लाख से अधिक की ठगी

शापिंग कार्ड बनाने के नाम पर ठगी
बिलासपुर कलेक्ट्रेट में संविदा में काम करने वाले रमेश उपाध्याय के साथ लूट का मामला सामने आया है.पीड़ित रमेश रोज की तरह बुधवार को भी काम कर रहा था. पीड़ित के मोबाइल पर आरोपी ने फोन लगाकर निजी कंपनी के शॉपिंग कार्ड बनाने के लिए फोन लगाया. इस पर पीड़ित रमेश ने पहले से कार्ड होने की बात कही, लेकिन आरोपी के कार्ड नंबर पूछे जाने पर रमेश ने नंबर मालूम नहीं होने की बात कही. तभी आरोपी ने नए कार्ड बनाने की बात कह कर पीड़ित के मोबाइल पर एक एप डाउनलोड कराया और मोबाइल पर आए OTP की जानकारी ली.

पढ़ेंः-दीपावली के अवसर पर सजा बाजार, सजावटी सामान का व्यापार 10 करोड़ के पार

लाख रुपए से ज्यादा का लेन-देन
पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने मोबाइल पर AAP डाउनलोड करने और मैसेज जानकारी लेने के बाद से बैंक एकांउनट से 1 लाख 20 हजार रुपए ट्रांजेक्शन किया गया है,जो एकांउनट से पांच अलग-अलग बार हुआ है. पीड़ित ने यह रकम अपने भाभी के इलाज कराने के लिए इक्ट्टा किया था, जिसे आरोपी ने जालसाजी कर खाते से निकाल लिया है.

बिलासपुर: एक निजी कंपनी का शॉपिंग कार्ड बनाने के नाम पर कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पहले मोबाइल में एप डाउनलोड कराया और फिर बैंक खाते से एक लाख बीस हजार रुपए निकाल लिए गए.

युवक से 1 लाख से अधिक की ठगी

मोबाइल पर अचानक आए मैसेज से हड़बड़ाए युवक ने फौरन बैंक पहुंचकर मामले की जानकारी दी और अकाउंट ब्लॉक करने के लिए कहा. पीड़ित युवक ने आरोपी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है.

1 lakh rupees fraud with youth in bilaspur
युवक से 1 लाख से अधिक की ठगी

शापिंग कार्ड बनाने के नाम पर ठगी
बिलासपुर कलेक्ट्रेट में संविदा में काम करने वाले रमेश उपाध्याय के साथ लूट का मामला सामने आया है.पीड़ित रमेश रोज की तरह बुधवार को भी काम कर रहा था. पीड़ित के मोबाइल पर आरोपी ने फोन लगाकर निजी कंपनी के शॉपिंग कार्ड बनाने के लिए फोन लगाया. इस पर पीड़ित रमेश ने पहले से कार्ड होने की बात कही, लेकिन आरोपी के कार्ड नंबर पूछे जाने पर रमेश ने नंबर मालूम नहीं होने की बात कही. तभी आरोपी ने नए कार्ड बनाने की बात कह कर पीड़ित के मोबाइल पर एक एप डाउनलोड कराया और मोबाइल पर आए OTP की जानकारी ली.

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लाख रुपए से ज्यादा का लेन-देन
पीड़ित ने बताया कि आरोपी ने मोबाइल पर AAP डाउनलोड करने और मैसेज जानकारी लेने के बाद से बैंक एकांउनट से 1 लाख 20 हजार रुपए ट्रांजेक्शन किया गया है,जो एकांउनट से पांच अलग-अलग बार हुआ है. पीड़ित ने यह रकम अपने भाभी के इलाज कराने के लिए इक्ट्टा किया था, जिसे आरोपी ने जालसाजी कर खाते से निकाल लिया है.

Intro:नया बजाज फाइनेंस कार्ड बनाने के नाम पर ठग ने कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी से ठगी का आया विडियो, शासन से लगाया गुहार, नहीं हुआ अबतक कार्रवाई। Body:नया बजाज फाइनेंस कार्ड बनाने के नाम पर ठग ने कलेक्ट्रेट में पदस्थ कर्मचारी से एप्प डाउनलोड कराया और एप्प खोलकर नम्बर पूछा नम्बर बताते ही युवक के खाते से लगातार पाँच बार रुपये के ट्रांजेकशन का मोबाईल पर मैसेज आया और खाते से एक लाख बीस हजार रुपये निकल गए। अचानक आये मेसेज से हड़बड़ाया युवक भागा-भागा बैंक पहुँचा जहां जाकर घटना की जानकारी दी और अपने खाते को ब्लॉक कराया जिसके बाद इसकी रिपोर्ट लिखाने सिविल लाइन थाना बिलासपुर भी गया लेकिन पुलिस ने लिखित में आवेदन लेकर दूसरे दिन आने की बात कह कर चलता कर दिया।युवक अपने भाभी का इलाज कराने के लिए पाई-पाई पैसे जोड़ रहा था जो एक ही झटके में चोरी हो गई मामला तखतपुर विधान सभा क्षेत्र के सकरी थाना क्षेत्र के हाफा निवासी रमेश उपाध्याय (गुड्डू) पिता रामकुमार उपाध्याय बिलासपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में संविदा कर्मचारी के रूप में पदस्थ है। उसका खाता नेहरू चौक स्थित एसबीआई कलेक्ट्रेट ब्रांच में है।
बुधवार को रोज की तरह वो कार्य कर रहा था तभी उसके मोबाइल पर 9709473331 से फोन आया और कहां की आपका बजाज कार्ड बना देते है जिस पर रमेश ने पूर्व में ही बजाज कार्ड बने होने की बात बताई तब आरोपी ने पुराने बजाज कार्ड का नम्बर पूछा नम्बर नही मालूम होने की बात कहने पर आरोपी ने नए बजाज कार्ड बनाने की बात कहते हुवे एक एप्प(ANYDESK REMOTE CONTROL) डाउनलोड करने को कहा। एप्प डाउनलोड करने के बाद उसमें आये नम्बर की जानकारी ली जैसे ही रमेश ने आरोपी को वो नम्बर बताया उसके एसबीआई खाते से पहले ट्रांजेकशन में 50000 हजार रुपये,दूसरे में 10000 हजार,तीसरे में 20000 हजार,चौथे में भी 20000 हजार एवं आखरी पाँचवे ट्रांजेकशन में 19576 रुपये निकल गए युवक के खाते में पहले कुल 202478 रुपये थे अचानक लगातार राशि आहरण का मैसेज आने से घबराया युवक एसबीआई के अपने ब्रांच पहुँचा और बैंक अधिकारियों को घटना की जानकारी दी जिसके बाद बैंक प्रबंधन ने खाते को लॉक किया।युवक अज्ञात ठग के खिलाफ अपराध दर्ज कराने सिविल लाइन थाने पहुचा जहाँ उपस्थित पुलिसकर्मियों ने प्रार्थी से लिखित आवेदन लेकर दूसरे दिन आने की बात कहकर चलता कर दिया।
भाभी की ईलाज के लिए रखे थे रुपये:- युवक रमेश उपाध्याय ने बताया कि उसके पिता कलेक्ट्रेट में पिउन के पद से सेवानिवृत्त हुवे है बड़ा भाई प्राइवेट जॉब करता है।बड़े भाई की पत्नी सिकल सेल की बीमारी से पीड़ित है उसके एक पैर की हड्डी खराब हो रही है जिसके इलाज के लिए डॉक्टर ने दो लाख से अधिक रुपये लगने की बात कही थी जिस पर रमेश अपनी भाभी का इलाज कराने पाई-पाई रुपये जोड़ रहा था और जल्द ही उसे अस्पताल ले जाने वाला था लेकिन उससे पहले ही ठगों ने राशि पार कर दी। ऑनलाइन ठगी से युवक सहित पूरा परिवार स्तब्ध है क्योंकि इसी राशि से इलाज होना था अब वो इलाज किस तरह होगा इस बात को लेकर परेशान है।Conclusion:जागरूकता के बावजूद लोग फस रहे जाल में:- ऑनलाइन ठगी सहित एटीएम पिन,एटीएम क्लोनिंग,सीवीसी नम्बर आदि किसी को भी नही देने के सम्बंध में जिला पुलिस लगातार अभियान चला रहे है उसके बावजूद पढ़े-लिखे लोग भी इन ठगों के जाल में फंसकर अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई गवा बैठ रहे है।जागरूकता ही एक मात्र ऐसे अपराधो से बचाव का रास्ता है। वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन द्वारा सुशासन के नाम पर आम जनता को सुरक्षित रख नहीं पा रहे हैं। ऐसे में डिजिटल इंडिया के नाम पर लाभ कम और घाटा ज्यादा समाज में दिखाई पड़ रहा है।
साइबर एक्सपर्ट विफल - जहाँ एक ओर लगातार डिजिटल माध्यम से हो रहे लूट को रोकने शासन प्रशासन द्वारा प्रचार प्रसार आखरी लोगों तक नहीं पहुँचा है जिससे प्रशिक्षण प्राप्त संस्था भी असफलता से घीरे हुए हैं। इस विषय में सकरी थाना सम्पर्क 9479191721में सम्पर्क कर जानकारी लिया गया तो वहाँ अब तक इस विषय में कोई सूचना नहीं मिलने की बात कहकर चलता किया।
पीडित रमेश उपाध्याय का बाइट -
रिपोर्ट नरेन्द्र ध्रुव तखतपुर बिलासपुर छत्तीसगढ़ ।
Last Updated : Oct 27, 2019, 2:25 PM IST

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