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पुलिस कैंप और सड़क के विरोध में ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

दंतेवाड़ा जिले के सरहदी जिला बीजापुर के बेचापाल में ग्रामीण पुलिस कैंप और सड़क का विरोध कर रहे हैं. एक तरफ जहां सिलगेर में पुलिस कैंप का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है अब अंदरूनी इलाके बेचापाल और हुर्रेपाल के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंद हो गए हैं.

Villagers opened front in protest against the road
सड़क के विरोध में ग्रामीणों ने खोला मोर्चा
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Published : Dec 16, 2021, 10:29 PM IST

बीजापुरः दंतेवाड़ा जिले के सरहदी जिला बीजापुर के बेचापाल में ग्रामीण पुलिस कैंप, सड़क का लगातार विरोध कर रहे हैं. एक तरफ जहां सिलगेर में पुलिस कैंप का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब अंदरूनी इलाके बेचापाल और हुर्रेपाल के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंद हो गए हैं.

मिरतुर इलाके के बेचापाल गांव में ग्रामीण आंदोलन में जुटे हुए हैं. फिलहाल बेचापाल और हुर्रेपाल, पिट्टेपाल गांव के हजारों आदिवासी ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि यदि इनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण सड़क पर उतर कर कैंप के विरोध में लामबंद (mobilized against the camp) हैं.
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान आखिर क्यों करते हैं आत्महत्या?

बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं विरोध
जिले के नक्सल प्रभावित इलाका बेचापाल में भी पुलिस कैंप के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इस संवेदनशील इलाके में ग्रामीण लंबे समय से कैंप का विरोध कर रहे हैं. बेचापाल, मिरतुर, फुलगट्टा, तिमेनार समेत अन्य गांव के बड़ी संख्या में ग्रामीण आंदोलन पर उतर आए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि, हमें अपने गांव में स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी चाहिए, लेकिन पुलिस कैंप और पक्की सड़क नहीं चाहिए.

यदि सड़क बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी. यहां के लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में दाखिल किया जाएगा. गांव अभी शांत है, कैंप खुलने से गांव का वातावरण खराब हो जाएगा. इधर पुलिस कैंप के विरोध में बेचापाल में ग्रामीणों ने विशाल रैली भी निकाली. रैली निकालते हुए ग्रामीण मिरतुर की तरफ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन इस बीच जवानों ने ग्रामीणों को रोक लिया. ग्रामीणों और जवानों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई. ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि अंदरुनी इलाके में जब वे शिकार पर निकलते हैं तो उस दौरान सर्चिंग पर पहुंची पुलिस पार्टी ग्रामीणों को पकड़ लेती है.

बीजापुरः दंतेवाड़ा जिले के सरहदी जिला बीजापुर के बेचापाल में ग्रामीण पुलिस कैंप, सड़क का लगातार विरोध कर रहे हैं. एक तरफ जहां सिलगेर में पुलिस कैंप का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, अब अंदरूनी इलाके बेचापाल और हुर्रेपाल के ग्रामीण सुराक्षाबलों के कैंप और सड़क के विरोध में लामबंद हो गए हैं.

मिरतुर इलाके के बेचापाल गांव में ग्रामीण आंदोलन में जुटे हुए हैं. फिलहाल बेचापाल और हुर्रेपाल, पिट्टेपाल गांव के हजारों आदिवासी ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यह भी बात निकल कर सामने आ रही है कि यदि इनकी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो आसपास के दर्जनों गांवों के हजारों ग्रामीण सड़क पर उतर कर कैंप के विरोध में लामबंद (mobilized against the camp) हैं.
नक्सल मोर्चे पर तैनात जवान आखिर क्यों करते हैं आत्महत्या?

बड़ी संख्या में लोग कर रहे हैं विरोध
जिले के नक्सल प्रभावित इलाका बेचापाल में भी पुलिस कैंप के विरोध में सैकड़ों ग्रामीण लामबंद हो गए हैं. बताया जा रहा है कि इस संवेदनशील इलाके में ग्रामीण लंबे समय से कैंप का विरोध कर रहे हैं. बेचापाल, मिरतुर, फुलगट्टा, तिमेनार समेत अन्य गांव के बड़ी संख्या में ग्रामीण आंदोलन पर उतर आए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि, हमें अपने गांव में स्कूल, अस्पताल, आंगनबाड़ी चाहिए, लेकिन पुलिस कैंप और पक्की सड़क नहीं चाहिए.

यदि सड़क बनती है तो फोर्स गांवों में घुसेगी. यहां के लोगों को परेशान किया जाएगा. झूठे नक्सल प्रकरण में जेल में दाखिल किया जाएगा. गांव अभी शांत है, कैंप खुलने से गांव का वातावरण खराब हो जाएगा. इधर पुलिस कैंप के विरोध में बेचापाल में ग्रामीणों ने विशाल रैली भी निकाली. रैली निकालते हुए ग्रामीण मिरतुर की तरफ आगे बढ़ रहे थे, लेकिन इस बीच जवानों ने ग्रामीणों को रोक लिया. ग्रामीणों और जवानों के बीच तीखी नोक-झोंक भी हुई. ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि अंदरुनी इलाके में जब वे शिकार पर निकलते हैं तो उस दौरान सर्चिंग पर पहुंची पुलिस पार्टी ग्रामीणों को पकड़ लेती है.

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