बीजापुर: जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम तेजी से चल रहा है. तेंदूपत्ता संग्राहक कोरोना काल में अपने पारिश्रमिक का नगद भुगतान करने की मांग कर रहे हैं. इसे देखते हुए बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी ने राज्य सरकार से मजदूरों को नगद भुगतान करने की मांग की है. मंडावी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वन मंत्री मोहम्मद अकबर और उद्योग मंत्री कवासी लखमा को पत्र लिखकर नगद भुगतान करने की मांग की है. पत्र में विक्रम मंडावी ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि जिस तरह से पिछले साल आपने तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए आदेश दिया था और नगद भुगतान करवाया था, उसी तरह इस साल भी संग्राहकों को नकद भुगतान करें.
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सभी संग्राहकों के पास बैंक खाता नहीं
पत्र में विधायक ने कहा कि बीजापुर वनांचल के साथ ही आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां के लोग तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं. दूरस्थ अंचलों के संग्राहकों के जीविकोपार्जन का यह एकमात्र साधन भी है. यहां के लोगों के लिए तेंदूपत्ता संग्रहण एक त्योहार की तरह है. जिला बीजापुर के सभी संग्राहकों के पास बैंक खाता नहीं है. जिले के ग्रामीण अन्य शासकीय योजनाओं के लिए बैंकों में जीरो राशि से खाता खोल रहे हैं. लेकिन लेनदेन के अभाव में कई खाते रद्द हो गए हैं. जनधन योजना के तहत खोले गए कई खाते वर्तमान में बंद हो चुके हैं. इन्हें तुरंत शुरू किया जाना सम्भव नहीं है. जिससे ग्रामीण बैंकों और विभाग के कार्यालयों में जाकर अनावश्यक परेशान होते हैं. अंचल के लोग अल्प शिक्षित होने के कारण बैंकों में खाता नहीं खोल पाते हैं, लिहाजा संग्राहकों को नकद भुगतान किया जाए.
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बैंकों में अधिक भीड़ होने से फैल सकती है महामारी
मंडावी ने कहा कि जिले में मनरेगा व अन्य योजनाओं में भी वर्तमान में बैंकिंग सुविधाओं की कमी के कारण श्रमिकों को नगद भुगतान हो रहा है. कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी होने के कारण बैंकों में अधिक भीड़ होने की सम्भावना हो सकती है. यहां के स्थानीय आदिवासी कोविड-19 जैसी वैश्विक महामारी में शासन की जारी गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाएंगे. इसलिए तेंदूपत्ता संग्राहक मजदूरों को नगद भुगतान हो.