बीजापुर: उसूर ब्लॉक स्थित नीलम सरई जलप्रपात टूरिस्टों के लिए फिर से डेवलप किया जा रहा है. इस जलप्रपात की खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से दिखाई थी. अब इसके कायाकल्प के लिए बीजापुर प्रशासन ने कोशिशें तेज कर दी हैं.
2 दिन पहले बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल उसूर के सोढीपारा पहुंचकर ग्रामीणों से मिले. इसी साल 'मनवा बीजापुर' के तहत कलेक्टर रितेश अग्रवाल ने नीलम सरई जलप्रपात तक सैलानियों की पहुंच को आसान बनाने के लिए सोढ़ीपारा के कुछ लोगों को टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिलवाया था.
इन सब पहलुओं को देख कर नक्सल प्रभावित इलाके में पहल शांति व पर्यटकों की आवाजाही से इलाके में चहल-पहल रहेगी. वहीं नक्सल प्रभावित इलाके के सोढ़ी पारा जैसे सुदूर गांव में कलेक्टर पहुंचे. उन्होंने आदिवासियों की देवगुड़ी में चौपाल लगा कर नीलम सरई को पर्यटन आकर्षक का केंद्र बनाने के साथ-साथ गांव की समस्याओं को भी सुना.
तीरथगढ़ जलप्रपात: पर्यटकों के बढ़ने से कोरोना संक्रमण का बढ़ा खतरा
पिछले कुछ वर्षों में नीलम सरई जलप्रपात सुर्खियों में आया था. इसके बाद स्थानीय लोगों के साथ बाहर से पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई. तब कलेक्टर ने व्यवस्थित योजना बनाने के लिए सीईओ जनपद पंचायत उसूर को निर्देशित किया है.
स्थानीय युवकों और 'दर्शनीय बीजापुर' के सदस्यों से चर्चा के बाद जिला प्रशासन ने पंचायत स्तर पर पर्यटन के लिए समिति गठित करने के लिए भी निर्देशित किया. जिसमें फैसला लिया गया कि पंचायत की सहभागिता से मातागुड़ी के समीप नाका लगाया जाएगा. मौके पर समिति के नाम से पर्ची भी कटेगी. जिसमें जलप्रपात जाने वाले से प्रति व्यक्ति के हिसाब से निर्धारित शुल्क लिया जाएगा.
जलप्रपात तक पहुंचने के लिए पहाड़ी पर चढ़ाई शुरू करने से पहले नाके पर आगंतुकों के सामान की जांच भी होगी. जिसमें शराब ले जाने पर पाबंदी होगी. इसके अलावा लोग वहां जो कुछ भी पैक्ड फूड खाएंगे, उसके खाली रैपर लौटते हुए समिति के पास जमा करेंगे, ताकि वहां गंदगी फैलाने से रोका जा सके.
बीजापुर जिले में यह पहला जलप्रपात होगा, जिसे लेकर शासन-प्रशासन इतना गंभीर है और इसके कायाकल्प की तैयारी की जा रही है. इस जलप्रपात से बीजापुर जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.