रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पिछले 3 महीने में छत्तीसगढ़ में ये तीसरा दौरा है. शनिवार को पीएम बिलासपुर में आयोजित भाजपा परिवर्तन यात्रा के समापन में शामिल हुए. ये कार्यक्रम बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में रखा गया. 5 साल में दूसरी बार पीएम मोदी बिलासपुर आए. 5 साल पहले पीएम ने यहां से चुनावी शंखनाद किया था. हालांकि पिछली बार बीजेपी को हार मिली थी. यही कारण है कि कांग्रेस ने पीएम के बिलासपुर दौरे पर तंज कसा है. हालांकि राजनीतिक जानकार के बयान कुछ और ही है.
कांग्रेस ने पीएम की सभा पर कसा तंज: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिलासपुर दौरे पर कांग्रेस ने तंज कसा है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि, "जब 5 साल पहले 2018 विधानसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित किया था, तब बिलासपुर संभाग में बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई. एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी ने इस साइंस कॉलेज मैदान में चुनावी सभा की है. अब बीजेपी 13 सीटें भी जीत ले तो बड़ी बात होगी. पिछले 3 महीने में तीन बार मोदी छत्तीसगढ़ आ चुके हैं. इन तीनों दौरे में प्रधानमंत्री ने लोकसभा चुनाव 2014 और लोकसभा चुनाव 2019 में किए गए वादों में से कितना पूरा किया है. उसकी जानकारी नहीं दे सकते हैं. भाजपा सरकार की 9 साल की उपलब्धियां गिनाने में मोदी सरकार नाकाम रही है. सिर्फ झूठ बोलकर और कांग्रेस की बुराई कर राजनीतिक सभा की खानापूर्ति मोदी कर रहे हैं."
"पीएम कई मुद्दों पर बन जाते हैं मौनी बाबा": PM के बिलासपुर दौरे को लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, "मोदी की गारंटी की कोई गारंटी नहीं है. वरना देश में महंगाई कम हो जाती. पीएम ईमानदार होते तो रमन सिंह और उनका आधा मंत्रिमंडल जेल में होता. पीएम भ्रष्टाचार पर बातें तो करते है लेकिन जैसे भाजपा नेताओं और अपने उद्योगपति मित्र के भ्रष्टाचार की बात होती है, तो पीएम मौनी बाबा बन जाते है. अडानी के घोटालों पर पूरा देश प्रधानमंत्री से जवाब चाहता है. पीएम इस पर नहीं बोलते."
जानिए पॉलिटिकल एक्सपर्ट की राय: पीएम मोदी के बिलासपुर दौरे को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने कहा कि, "आज एक बार फिर नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभा की शुरुआत बिलासपुर में इस मैदान से की है, जिस मैदान में साल 2018 में उन्होंने चुनावी शंखनाद किया था. प्रधानमंत्री की ये छत्तीसगढ़ में लगातार तीसरी यात्रा है. प्रधानमंत्री का फोकस छत्तीसगढ़ में है. भाजपा वापस सत्ता में आने के लिए बहुत अच्छा प्रयास भी कर रही है. मोदी, अमित शाह, नड्डा सभी का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा हो रहा है. उनका यह दौरा बताता है कि वह कार्यकर्ता में ऊर्जा भरने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि भाजपा का फोकस छत्तीसगढ़ पर है. आज प्रधानमंत्री की सभा के दौरान भी बहुत अच्छा रिस्पॉन्स देखने को मिला. उसे देखते हुए कहा जा सकता कि आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा कांग्रेस को कड़ी चुनौती दे सकती है."
क्या भीड़ वोट में हो पाएगी तब्दील: इस पूरे मामले में पॉलिटिकल एक्सपर्ट अनिल तिवारी की राय थोड़ी अलग है. उनका कहना है कि, "विधानसभा चुनाव स्थानीय मुद्दों पर लड़ा जाता है. उम्मीदवारों के चयन पर चुनाव निर्भर करता है. 5 साल पहले मोदी बिलासपुर आए थे, उन्होंने प्रचार-प्रसार किया. उस दौरान रमन सिंह मुख्यमंत्री थे. अच्छी खासी भीड़ जमा हुई थी. अभी से लगभग डेढ़ गुना ज्यादा भीड़ थी. लेकिन जो रिजल्ट आया, वह भाजपा के लिए अच्छा नहीं था. जिस सीट पर भाजपा पिछले 20 सालों से जीत हासिल करती आ रही थी. उस सीट पर भी उसे हार का सामना करना पड़ा. मोदी के आने के बाद भी बिलासपुर में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा.
पीएम मोदी के बिलासपुर दौरे को लेकर जहां एक ओर कांग्रेस ने कटाक्ष किया है कि इस बार 13 सीट भी बीजेपी के लिए जीतना मुश्किल है. वहीं पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स की राय थोड़ी अलग है. एक ओर पॉलिटिकल एक्सपर्ट उचित शर्मा ने कहा है कि कांग्रेस को भाजपा कड़ी टक्कर दे सकती है. तो वहीं अनिल तिवारी ने पिछली हार का हवाला दिया है. ऐसे में पीएम मोदी के बिलासपुर दौरे से भाजपा को कितना लाभ होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा.