ETV Bharat / state

ग्रामीणों को गांव में ही मिलेगा पीडीएस का राशन, बीजापुर कलेक्टर की पहल - Ration available in rural areas

बीजापुर कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने पीडीएस की राशन दुकानों को ग्राम पंचायत स्तर पर स्थापित किया है. फरवरी महीने से राशन ग्रामीण अपने ग्राम पंचायत में ही खरीद सकेंगे. नक्सल प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों की मांग देखते हुए जिला प्रशासन ने पहल की है.

pds-ration-shop-opened
ग्रामीणों को गांव में ही मिलेगा पीडीएस का राशन
author img

By

Published : Feb 12, 2021, 11:53 PM IST

बीजापुर: ग्रामीणों को पीडीएस के राशन के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता था. ग्रामीणों को पैदल चलकर दुकान जाना पड़ता था. कलेक्टर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सरलता पूर्वक पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में राशन उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे.

निर्देश के बाद पंचायत स्तर पर राशन दुकान खोले गए हैं. फरवरी महीने के राशन के लिए ग्रामीणों को दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अपनी पंचायतों के दुकानों से ग्रामीण राशन ले सकेंगे.

कांकेर: खुले आसमान के नीचे बैठे 17 परिवारों ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

ग्रामीणों को करना पड़ता था लंबा सफर

बीजापुर जिला नक्सल प्रभावित है. नक्सली कई वारदातों को इन इलाकों में अंजाम देते हैं. कुछ पंचायतों के राशन दुकान नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस बेस कैंपों में संचालित हुआ करते थे. विकासखंड बीजापुर के गायिका और गडर के ग्रामीणों को उचित मूल्य की दुकान के लिए बेस कैंप कडेर में जाना पड़ता था.

  • कंदुलनार के ग्रामीण चिंतकवल्ली के बेस कैंप में राशन लेने जाते थे.
  • विकासखंड उसूर के ग्राम तररेम चिपुरभट्टी की दुकान बस कैंप बासागुड़ा में संचालित होता था.
  • सेमलडोडी, एगपल्ली और लंकापल्ली के ग्रामीणों को राशन लेने बैस कैंप इलमिडी जाना पड़ता था.
  • पुसगुड़ी के ग्रामीण बैस कैंप मोदकपाल से राशन लेते थे.

नक्सल प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों की मांग को देखते हुए सभी पंचायतों की दुकानों को उनके मूल पंचायतों में स्थापित किया गया है. फरवरी महीने का राशन उन्हें दूसरी जगहों पर जाना नहीं पड़ेगा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया है.

बीजापुर: ग्रामीणों को पीडीएस के राशन के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी के कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना भी करना पड़ता था. ग्रामीणों को पैदल चलकर दुकान जाना पड़ता था. कलेक्टर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए सरलता पूर्वक पंचायतों और ग्रामीण इलाकों में राशन उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे.

निर्देश के बाद पंचायत स्तर पर राशन दुकान खोले गए हैं. फरवरी महीने के राशन के लिए ग्रामीणों को दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अपनी पंचायतों के दुकानों से ग्रामीण राशन ले सकेंगे.

कांकेर: खुले आसमान के नीचे बैठे 17 परिवारों ने वन विभाग पर लगाए गंभीर आरोप

ग्रामीणों को करना पड़ता था लंबा सफर

बीजापुर जिला नक्सल प्रभावित है. नक्सली कई वारदातों को इन इलाकों में अंजाम देते हैं. कुछ पंचायतों के राशन दुकान नक्सल प्रभावित इलाका होने के कारण पुलिस बेस कैंपों में संचालित हुआ करते थे. विकासखंड बीजापुर के गायिका और गडर के ग्रामीणों को उचित मूल्य की दुकान के लिए बेस कैंप कडेर में जाना पड़ता था.

  • कंदुलनार के ग्रामीण चिंतकवल्ली के बेस कैंप में राशन लेने जाते थे.
  • विकासखंड उसूर के ग्राम तररेम चिपुरभट्टी की दुकान बस कैंप बासागुड़ा में संचालित होता था.
  • सेमलडोडी, एगपल्ली और लंकापल्ली के ग्रामीणों को राशन लेने बैस कैंप इलमिडी जाना पड़ता था.
  • पुसगुड़ी के ग्रामीण बैस कैंप मोदकपाल से राशन लेते थे.

नक्सल प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों की मांग को देखते हुए सभी पंचायतों की दुकानों को उनके मूल पंचायतों में स्थापित किया गया है. फरवरी महीने का राशन उन्हें दूसरी जगहों पर जाना नहीं पड़ेगा. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन की इस पहल के लिए आभार व्यक्त किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.