बीजापुर: जिले में मजदूरों का दूसरे राज्यों में पलायन करने का दौर 15-20 सालों से चला आ रहा है, लेकिन पिछले 10-12 सालों से पलायन करने वालों मजदूरों की संख्या बढ़ी है. मजदूरों को समय पर उनकी मजदूरी न मिलना, कभी-कभी रोजगार न मिलना भी इनके पलायन का एक कारण हो सकता है. जिले के भोपालपटनम, भैरमगढ़, उसूर समेत बीजपुर ब्लॉक के अंदरूनी गांव के ग्रामीण रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही बाल मजदूर भी काम करने इन मजदूरों के साथ जाते हैं, जो कि एक अपराध है.
राज्य से बड़ी संख्या में मजदूरों का पलायन होता है. यहां के मजदूर मिर्ची तोड़ने तेलंगाना जाते हैं. इसके साथ-साथ दूसरे राज्यों में भी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है.इन मजदूरों के साथ कुछ बाल मजदूर भी काम करने जाते हैं. वैसे तो बाल मजदूरी एक अपराध है लेकिन इसके बावजूद कुछ मजदूर अपने साथ अपने बच्चों को भी मजदूरी कराने साथ ले जाते हैं. जिले की 12 साल की बच्ची इसका उदाहरण है जो लॉकडाउन के दौरान मिर्ची तोड़ने तेलंगाना गई थी और वापस लौटते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई थी.
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अभियान चलाने की जरूरत: विक्रम मंडावी
बीजापुर विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम मंडावी का कहना है कि पलायन और बाल मजदूरी को रोकने के लिए एक अभियान चलाने की जरूरत है. प्रदेश में मजदूरों के पलायन को रोकना और उन्हें राज्य में रोजगार दिलाना हमारी जिम्मेदारी है. विक्रम मंडावी ने बताया कि बाल मजदूरी की दिशा में काम करने की जरूरत है. यदि कोई ठेकेदार या कोई संस्था बाल मजदूरी कराती है उस पर कार्रवाई होनी चाहिए. विधायक ने कहा कि इसके लिए वे सरकार को जल्द ही एक पत्र लिखेंगे और बाल मजदूरी को रोकने का प्रयास करेंगे.