बीजापुर : सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भाजपा राज में महात्मा गांधी की प्रतिमा को हटाकर भोपालपटनम की नगर (Mahatma Gandhi statue neglected in Bhopalpatnam) पंचायत में कैद कर दिया गया था. अब इसकी लगातार चर्चा हो रही है कि क्या कांग्रेस राज में इसकी सुध ली जायेगी. यह प्रश्न इसलिए खड़ा हुआ है, क्योंकि गांधीजी के पर्याण दिवस पर भी उनकी सुध नहीं ली गई है. महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहा जाता है. इसको लेकर बीते दिनों राजधानी में बखेड़ा खड़ा हो गया था, जिसके बाद भाजपाई और कांग्रेसी आमने-सामने आ गए. इन सबके बीच भोपालपटनम में जिस प्रकार महात्मा गांधी की प्रतिमा उपेक्षा का शिकार हो रही है, उसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है.
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पांच साल बाद भी उपेक्षित है बापू की प्रतिमा
छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार थी, तो उस दौरान भोपालपटनम नगर पंचायत में कांग्रेस के जनप्रतिनिधि थे. इस दौरान वर्ष 2017 में सड़क चौड़ीकरण को लेकर भूमि पूजन किया गया. साथ ही महात्मा गांधी चौक से महात्मा गांधी की प्रतिमा भी हटा दी गई. वह प्रतिमा पांच वर्ष बीत जाने के बाद भी उस क्षेत्र में पुनर्स्थापित नहीं हो पाई है. इसके कारण लोगों के मन में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. जिस तरह से बीते पांच वर्षों से बापू की प्रतिमा की उपेक्षा हो रही है, उसको लेकर लोगों में काफी नाराजगी है.
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फंड का रोना रोकर बापू की प्रतिमा की हो रही उपेक्षा
महात्मा गांधी की प्रतिमा के सौंदर्यीकरण के लिए फंड का रोना रोकर उपेक्षा की जा रही है. जबकि नगर पंचायत के जिम्मेदार अधिकारियों का कहना होता है कि जल्द से जल्द सौंदर्यीकरण कर दिया जाएगा. इन सबके बीच अब देखने वाली बात होगी कि क्या कांग्रेस की सरकार भाजपा सरकार द्वारा उपेक्षित बापू की प्रतिमा को फिर से स्थापित करा पाएगी या नहीं.