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सिलगेर गोलीकांड मामले की मजिस्ट्रेट करेंगे जांच, अभी कैंप हटाने पर कोई निर्णय नहीं

बीजापुर सिलगेर कैंप को लेकर चल रहे विवाद की जांच मजिस्ट्रेट करेंगे. बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल (Bijapur Collector Ritesh Agarwal) ने सिलगेर गोलीकांड जांच के लिए रविवार को मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी. हालांकि सिलगेर से फोर्स के कैंप हटाने का कोई फैसला अब तक नहीं लिया गया है. लिहाजा कैंप अभी वर्तमान स्थल पर ही रहेगा. रविवार को ग्रामीणों के साथ हुई बैठक के बाद कलेक्टर ने इसकी घोषणा की.

Magistrate will investigate the Silger case
Magistrate करेंगे सिलगेर मामले की जांच
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Published : May 23, 2021, 11:04 PM IST

बीजापुर: बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल (Bijapur Collector Ritesh Agarwal) ने सिलगेर गोलीकांड जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने रविवार को मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी. जांच के बिंदु भी तय कर दिए गए हैं. मजिस्ट्रेट खुद मौके पर आएंगे और मौके पर जांच करेंगे. कोई ग्रामीण बयान दर्ज कराना आना चाहता है तो उसके आने-जाने की व्यवस्था प्रशासन करेगी.

सिलगेर मामले को लेकर हुई बैठक

रविवार को बासागुड़ा में दोपहर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बस्तर आयुक्त जीआर चुरेंद्र (Bastar Commissioner GR churendra), बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundar Raj P), सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार (Sukma Collector Vineet Nandanwar) बैठक में मौजूर रहे. बैठक में सिलगेर गांव के तकरीबन 50 लोग शामिल हुए. करीब 2 घंटे चली इस बैठक में कैंप के बारे में अफसरों ने कहा कि यह शासन स्तर का मामला है. इस बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. कैंप के निजी भूमि की बात है तो इसका परीक्षण किया जाएगा. नक्शे और खसरे देखे जाएंगे. बैठक में सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार और बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamalochan Kashyap) भी शामिल हुए.

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ग्रामीणों से घर लौट जाने का अफसरों ने किया निवेदन
बैठक में अधिकारियों ने ग्रामीणों से निवेदन करते हुए कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है. यह स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है. ऐसे में हजारों लोगों का एक जगह जमा होना उचित नहीं है. चल रहे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. अफसरों ने ग्रामीणों को अपील व समझाइश देते हुए अपने घर लौट जाने का आग्रह किया. प्रशासन ने कहा कि गांव में जो लोग घायल हैं, उनकी इलाज की व्यवस्था शासन प्रशासन करेगी. लोग घायलों को निशुल्क और निसंकोच ले जाकर इलाज करवा सकते हैं. वाहन की व्यवस्था भी की जाएगी.

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समस्या बातचीत से हल हो सकती है

बस्तर कमिश्नर जीआर चुरेंद्र ने कहा कि सरकार अंदरूनी इलाकों में खुशहाली और तरक्की चाहती है कोई भी समस्या बातचीत से हल हो सकती है. इसमें हिंसा का कोई जगह नहीं है. विकास की दृष्टि से यह इलाका अत्यंत पिछड़ा हुआ है. नागरिक सुविधाओं की या बेहद जरूरी है. भूमि समतलीकरण तालाब निर्माण स्कूल व मूलभूत सुविधाएं समेत कार्यों के लिए लोग मांग कर सकते हैं. प्रशासन हर संभव उनका प्रयास करेगा. आज हुई आदिवासी समाज की ओर से बैठक में आदिवासी प्रतिनिधियों में तेलम बोरैया बुरका, नरेंद्र, सुखमति हपका समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे.

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जानिए क्या है पूरा मामला

17 मई को सुकमा जिले से लगे सिलगेर में पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली ग्रामीणों की आड़ लेकर कैंप का विरोध कर रहे हैं. नक्सली यहां कैंप स्थापित नहीं होने देना चाहते. इस विरोध में सोमवार को क्रॉस फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की फायरिंग में 9 लोग मारे गए हैं और 15 से ज्यादा लोग घायल हैं. हालांकि आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि फायरिंग में मरने वाले 3 लोग ग्रामीण नहीं, नक्सली थे.

बीजापुर: बीजापुर कलेक्टर रितेश अग्रवाल (Bijapur Collector Ritesh Agarwal) ने सिलगेर गोलीकांड जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर ने रविवार को मजिस्ट्रेट की नियुक्ति कर दी. जांच के बिंदु भी तय कर दिए गए हैं. मजिस्ट्रेट खुद मौके पर आएंगे और मौके पर जांच करेंगे. कोई ग्रामीण बयान दर्ज कराना आना चाहता है तो उसके आने-जाने की व्यवस्था प्रशासन करेगी.

सिलगेर मामले को लेकर हुई बैठक

रविवार को बासागुड़ा में दोपहर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में बस्तर आयुक्त जीआर चुरेंद्र (Bastar Commissioner GR churendra), बस्तर आईजी सुंदरराज पी (Bastar IG Sundar Raj P), सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार (Sukma Collector Vineet Nandanwar) बैठक में मौजूर रहे. बैठक में सिलगेर गांव के तकरीबन 50 लोग शामिल हुए. करीब 2 घंटे चली इस बैठक में कैंप के बारे में अफसरों ने कहा कि यह शासन स्तर का मामला है. इस बारे में शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी. कैंप के निजी भूमि की बात है तो इसका परीक्षण किया जाएगा. नक्शे और खसरे देखे जाएंगे. बैठक में सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार और बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप (Bijapur SP Kamalochan Kashyap) भी शामिल हुए.

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ग्रामीणों से घर लौट जाने का अफसरों ने किया निवेदन
बैठक में अधिकारियों ने ग्रामीणों से निवेदन करते हुए कहा कि अभी कोरोना काल चल रहा है. यह स्थिति बहुत ज्यादा गंभीर है. ऐसे में हजारों लोगों का एक जगह जमा होना उचित नहीं है. चल रहे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. अफसरों ने ग्रामीणों को अपील व समझाइश देते हुए अपने घर लौट जाने का आग्रह किया. प्रशासन ने कहा कि गांव में जो लोग घायल हैं, उनकी इलाज की व्यवस्था शासन प्रशासन करेगी. लोग घायलों को निशुल्क और निसंकोच ले जाकर इलाज करवा सकते हैं. वाहन की व्यवस्था भी की जाएगी.

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समस्या बातचीत से हल हो सकती है

बस्तर कमिश्नर जीआर चुरेंद्र ने कहा कि सरकार अंदरूनी इलाकों में खुशहाली और तरक्की चाहती है कोई भी समस्या बातचीत से हल हो सकती है. इसमें हिंसा का कोई जगह नहीं है. विकास की दृष्टि से यह इलाका अत्यंत पिछड़ा हुआ है. नागरिक सुविधाओं की या बेहद जरूरी है. भूमि समतलीकरण तालाब निर्माण स्कूल व मूलभूत सुविधाएं समेत कार्यों के लिए लोग मांग कर सकते हैं. प्रशासन हर संभव उनका प्रयास करेगा. आज हुई आदिवासी समाज की ओर से बैठक में आदिवासी प्रतिनिधियों में तेलम बोरैया बुरका, नरेंद्र, सुखमति हपका समेत अन्य कार्यकर्ता शामिल रहे.

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17 मई को सुकमा जिले से लगे सिलगेर में पुलिस कैंप पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि नक्सली ग्रामीणों की आड़ लेकर कैंप का विरोध कर रहे हैं. नक्सली यहां कैंप स्थापित नहीं होने देना चाहते. इस विरोध में सोमवार को क्रॉस फायरिंग में 3 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की फायरिंग में 9 लोग मारे गए हैं और 15 से ज्यादा लोग घायल हैं. हालांकि आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि फायरिंग में मरने वाले 3 लोग ग्रामीण नहीं, नक्सली थे.

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