बीजापुर: सिलगेर गोलीकांड की बरसी पर बीजापुर(Silger shooting in Bijapur) के प्रभारी और आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने यू टर्न लिया है. सुकमा विधायक कवासी लखमा ने धरोरा के पास आदिवासी सभा में कहा कि "भूपेश सरकार के साढ़े तीन साल के कार्यकाल में कुछ घटनाएं आदिवासियों के साथ घटी हैं. लखमा ने कहा कि सिलगेर में 4 लोगों की मौत हमारी सरकार में हुई है, इस बात का हमें दुख है.लखमा ने कहा कि हम सिलगेर के पीड़ितों से बात करके उनको न्याय दिलाने का प्रयास करेंगे.
ये है मामला: 12 मई 2021 से सिलगेर में कैम्प स्थापित होने से नाराज ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में जुटकर विरोध शुरू किया था. विरोध के दौरान 17-18 मई को मौजूद ग्रामीणों और सुरक्षाबल के जवानों के बीच तनाव बढ़ने लगा. इसी बीच पथराव और गोलियां चलीं. फायरिंग रुकने के बाद सिलगेर में 3 लोगों की मौत हो चुकी थी. एक महिला फायरिंग की भगदड़ में फंसकर घायल हो गई. घयाल होने के बाद उसकी भी मौत हो गई.
मामले में सियासत भी हुई: कांग्रेस, भाजपा, सीपीआई सहित जेसीसीजे के नेताओं ने सिलगेर के पीड़ितों को मरहम लगाने की कोशिश की. मामले में कई दिनों तक सियासत जारी रही. गोलीकांड के बाद तरेम, जगरगुंडा क्षेत्र के इस इलाके में निष्पक्ष जांच को लेकर आंदोलन का दौर शुरू हुआ, जो अब तक जारी है.
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मारे गए लोगों का स्मारक तैयार: मारे गए लोगों की याद में सिलगेर में स्मारक तैयार किया गया है. इसी बीच भूपेश सरकार में मंत्री कवासी लखमा ने सिलगेर में गोलीकांड की गलती स्वीकार की है. कवासी लखमा ने मुसालूर, धनोरा में आयोजित महासभा में हजारों आदिवासियों, बीजापुर विधायक विक्रम मण्डावी, केशकाल विधायक संत नेताम की मौजूदगी में माना कि सिलगेर की घटना हमारे सरकार में हुई, जिसका हमें दुख है.
कवासी लखमा ने रमन सिंह पर निशाना साधा: कवासी लखमा ने इस दौरान रमन सिंह को भी घेरा. भाजपा शासन काल में सारकेगुड़ा में फर्जी मुठभेड़ में मारे गए लोगों के नक्सली नहीं होने का दावा किया. उन्होंने कहा कि इस घटना में मारे गए लोगों के निर्दोष ग्रामीण होने की जांच के बाद भूपेश सरकार उन्हें मुआवजा देने जा रही है.