बीजापुर: तेलंगाना से 80 मजदूर पैदल चलते हुए जंगली रास्ते से राज्य की सीमा में पहुंचे. ये सभी मजदूर झारखंड के हैं. ये मजदूर तेलंगाना के कोत्तागुडम जिले के भैयारम्म के कारखाने में काम करने गए थे. लॉकडाउन की वजह से ये सभी घर जाने के लिए पैदल ही झारखंड के लिए निकले थे, लेकिन सभी को बीजापुर में रोक लिया गया है. सभी मजदूरों को उसूर पंचायत में रखा गया है.
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झारखंड के मजदूरों को पैदल जाता देखकर ट्रैक्टर ड्राइवर ने सभी को अपनी गाड़ी में बिठाया और इन्हें बासागुडा पहुंचाया. जिले में पहले से ही झारखंड और मध्यप्रदेश के 40 मजदूर उसूर पोटाकेबिन में ठहरे हुए हैं. सभी मजदूरों की रहने और खाने की व्यवस्था उसूर पंचायत कर रही है. कुछ समय पहले कलेक्टर ने कहा था कि झारखंड प्रशासन से बात की गई है, जल्द ही वे मजदूरों को लेने के लिए बस भेज रहे हैं.
बता दें कि सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई हैय किसी में भी कोरोना के लक्षण अब तक नहीं पाए गए हैं. नए आए 80 मजदूरों की भी पहले स्क्रीनिंग की जाएगी, उसके बाद उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
जिले में अब नहीं है कोरोना पॉजिटिव
छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में अब तक कोरोना पॉजिटिव का मामला सामने नहीं आया है. बस्तर से मिले सभी संदिग्धों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. सभी संदिग्धों को जगदलपुर के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. छत्तीसगढ़ में अब तक कोरोना के कुल 58 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं, इनमें से 23 लोगों का इलाज अभी रायपुर के एम्स अस्पताल में चल रहा है.
सभी मरीजों में रायपुर के 2, सूरजपुर के 6, कवर्धा के 6 और दुर्ग के 8 मरीज शामिल हैं. लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू हो गया है. प्रदेशभर की मदिरा दुकानों को 4 मई से खोल दिया गया है. इसके साथ ही सभी सरकारी दफ्तर भी खुल गए हैं. इन सबके साथ सरकार लगातार लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की बात कर रही है.