बीजापुर: विश्व में कोरोना वायरस जैसी महामारी फैली हुई है. इसके बाद भी लॉकडाउन में राज्य सरकार अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति का हवाला देकर शराब बिक्री करा रही है. ऐसे में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के जिला अध्यक्ष सकनी चंदैया ने इस फैलले का विरोध किया है. उन्होंने कहा है कि 'डेढ़ महीने से शराब दुकान बंद थी. इस कारण लोगों की शराब पीने की लत छूट गई थी, जिससे गांव, शहर के घरों में शांति का वातावरण बना था'.
सकनी ने कहा कि 'राज्य सरकार ने षडयंत्र पूर्वक प्रदेश की अर्थव्यवस्था का बहाना बनाकर शराब दुकान खोलने का निर्णय लिया. सरकार के इस निर्णय से कहीं न कहीं गरीब, मध्यम वर्गीय परिवार को ही आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा. क्योंकि सम्पन्न व्यक्ति शराब दुकान में लाइन नहीं लगाएंगे. छत्तीसगढ़ राज्य इसलिए बना कि छत्तीगढ़िया का विकास यहां की परम्परा एवं संस्कृति के साथ हो.
भूपेश सरकार की वादा खिलाफी
उन्होंने कहा कि 'प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार ने चुनाव में पहले शराब बंदी की बात की थी. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ की माता बहनों ने बढ़-चढ़कर कांग्रेस के पक्ष में वोट किया, जिसके बाद कांग्रेस भारी बहुमत के साथ सत्ता में आया. आज अपने किए गए वादों को भूल कर वहीं लोग लाठी डंडे लेकर शराब दुकान खोलने के विरुद्ध आवाज बुलंद कर रहे हैं'.
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शराब बंदी नहीं होने पर किया जाएग संघर्ष
कांग्रेस पार्टी स्व. इंदिरा गांधी के समय से 'गरीबी हटाओ' नारा देते आ रही है. इनके कथनी और करनी में बहुत फर्क है. आजादी के बाद से दस प्रतिशत भी इसमें काम होता तो आज देश-प्रदेश की स्थिति ऐसा नहीं होती. छत्तीसगढ़ के बेरोजगार युवाओं को शराब बोतल पकड़ा कर संसाधनों को बेचना सोची समझी रणनीति का हिस्सा है. जेसीसी (जे) की मांग है, सरकार वादे के मुताबिक शराब बंदी करें ताकि राज्य में शांति स्थापित हो यदि, ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी संघर्ष करेगी.