बीजापुर: धान खरीदी के बाद अब परिवहन कार्य में भी अनियमितता बरतने का मामला सामने आया है. जिले के ट्रांसपोर्टर्स को साइड कर बिना परमिट और बिना टैक्स अदा किए तेलंगाना व आंध्रप्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से परिवहन कराया जा रहा है. जिले के दो परिवहन ठेकेदारों के बीच का मामला उच्च न्यायालय में चल रहा है. जिसका पूरा पूरा फायदा संबंधित विभाग उठाने का प्रयास कर रहा है. दूसरे राज्यों के ट्रांसपोर्ट्स से काम कराए जाने से स्थानीय ट्रांसपोर्टर्स नाराज चल रहे हैं.
स्थानीय की जगह दूसरे जिलों के ट्रांसपोर्टर्स से उठवाया जा रहा धान
इधर संबंधित विभाग के अधिकारी पूरी तरह से आंख बंद कर रखे हैं. बीजापुर धान परिवहन का काम पहले मनीष गुप्ता को मिला हुआ था. इस साल मेहर झा को मिला है. दोनों ठेकेदारों के बीच परिवहन को लेकर मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है.इसके बावजूद विभाग मनीष गुप्ता के नाम से आरओ काट कर बेधड़क परिवहन करा रहा है. यह परिवहन प्रदेश और जिले के ट्रांस्पोर्ट्स के बदले तेलंगाना व आंध्रप्रदेश के ट्रांस्पोर्ट्स से कराया जा रहा है. जबकि उन्होंने ना तो नेशनल परमिट लिया ना ही रोड टैक्स पटा रहे हैं.
धान परिवहन में भी धांधली
इस संबंध में जब जिला खाद्य अधिकारी बीएल पद्मामकर मामले में किसी भी तरह की जानकारी होने से इंकार करते हुए ठेकेदार से सम्पर्क करने की बात कही.वहीं नान के डीएम प्रमोद सोम ने पुलिस और आरटीओ की जिम्मेदारी बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
धीमी गति से हो रहे धान उठाव से सूखने की कगार पर पहुंचा लाखों क्विंटल धान
परिवहन ठेकेदार मनीष गुप्ता ने बताया की इस समय परिवहन का मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है. इसके बावजूद मेरे नाम से जो आरओ कटा था. उसी से परिवहन का काम कराया जा रहा है.
अधूरे कागजों से परिवहन की जानकारी जब मीडिया में हुई तो नेमेड थाना प्रभारी संजीव बैरागी ने गाड़ियों को रोक कर दस्तावेजों की जांच शुरू की. गाड़ियों में 5 से 7 टन ओवरलोडिंग धान भरा पाया गया. दो गाड़ियों पर 5-5 हजार की चालानी कार्रवाई कर गाड़ियों को छोड़ दिया गया.