बीजापुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाएगा. वर्मी कम्पोस्ट को सरकार के निर्धारित 8 रुपये प्रति किलोग्राम के दर से बेचा जाएगा. किसान गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री सीधे सहकारी समितियों के माध्यम से करेंगे.
विपणन के लिए वर्मी कम्पोस्ट की पैकेजिंग मात्रा 2, 5 और 30 किलोग्राम की होगी, जिसका मूल्य 16, 40 और 240 रुपए होगा. वर्मी कम्पोस्ट खरीदने वाले किसानों को सहकारी समितियों में 3 पर्ची मिलेगी. इसके साथ ही किस गौठान से वर्मी कम्पोस्ट मिल रही है, इसकी जानकारी उस पर्ची में रहेगी. वर्मी कम्पोस्ट उठाते समय 2 पर्ची गौठान समिति को दी जाएगी. गौठान समिति हर हफ्ते के शुक्रवार को पर्ची सहकारी समितियों में जमा करेगी. सहकारी समितियों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट की राशि का भुगतान हर सोमवार को गौठान समितियों को किया जाएगा.
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प्रदेश में 20 जुलाई को यानी हरेली त्योहार के अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों से गोबर खरीदने के लिए गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत दुर्ग जिले के सभी 216 गौठानों में इसकी शुरुआत की गई थी. इस योजना के अंतर्गत पशुपालकों से गोबर की खरीदी की जा रही है.
ये है गोधन न्याय योजना
'गोधन न्याय योजना' छत्तीसगढ़ के ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों को लाभ पहुंचाने की प्रदेश सरकार की एक नई योजना है. इस योजना के तहत किसानों और पशुपालकों से 2 रुपये प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है, जिसके जरिए गौठानों में बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण और अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं. इससे गांव के लोगों को रोजगार और आर्थिक लाभ भी मिल रहा है.