बीजापुर: सीपीआई(CPI) के जिला सचिव कमलेश झाड़ी ने मनरेगा के विषय में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसमें झाड़ी ने कहा है कि मनरेगा ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन इसमें हो रहे भ्रष्टाचार पर भाजपा और कांग्रेस दोनों मौन है. कांग्रेस और भाजपा आदिवासियों और ग्रामीण क्षेत्र का विकास नहीं चाहती है.
कमलेश झाड़ी ने कहा कि अब तक कई भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए हैं, लेकिन कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है. दोनों दल आपस में एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. कमलेश झाड़ी ने कहा कि वास्तव में दोंनो एक ही थाली के चट्टे-बट्टे हैं. दोनों की विकास को लेकर पॉलिसी में कोई अंतर नहीं है. जब भाजपा सत्ता में थी, तो कांग्रेस ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और अब कांग्रेस सत्ता में है, तो भाजपा आरोप लगा रही है.
अर्थव्यवस्था का आधार
बस्तर का हरा सोना कहे जाने वाले तेंदूपत्ता ग्रामीण क्षेत्र में निवासरत लोगों के लिए अल्पकालिक रोजगार के साथ अर्थव्यवस्था का आधार है. तेंदूपत्ता को लेकर CPI की नीति स्पष्ट है. तेंदूपत्ता का सही मूल्य पत्ता तोड़ने वाले श्रमिक को दिलाने के लिए सीपीआई ने कई जंगी प्रदर्शन किए हैं. कमलेश झाड़ी ने कहा कि इस वर्ष भी तेंदूपत्ता पर कोरोना के प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता.
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सरकार कर रही अपना फायदा-नुकसान तय
कमलेश झाड़ी ने कहा कि कोरोना काल में भी पूंजीवादी पार्टियां तेंदूपत्ते पर ओछी राजनीति करने से नहीं चूक रही है. तेंदूपत्ता के राष्ट्रीयकरण के बाद भी राज्य सरकार सबकुछ अपने फायदे और नुकसान के अनुसार तय कर रही है. लघु वनोपज सहकारी समितियां सब कागजी खानापूर्ति का हिस्सा बन गई हैं.
मुआवजा राशि प्रदान करने की मांग
CPI नेता कमलेश झाड़ी ने कहा कि सरकार को जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि सीपीआई (CPI) आम लोगों से अपील करती है कि सरकार से इन सवालों का जवाब मांगें और सरकार से मांग करती है कि जिन इलाकों में समितियों और वन अधिकारियों की लापरवाही से तेंदूपत्ता तुड़ाई का काम नहीं हो पाया है, वहां प्रति परिवार बीस-बीस हजार रुपए मुआवजा प्रदान करे.