बीजापुर: जिले के तेंदूपत्ता हितग्राहियों की मांग पूरी होने के बाद उन्हें नकद भुगतान प्रारंभ हो गया है. हितग्राहियों को तेंदूपत्ता संग्रहण का नकद भुगतान किया जा रहा है.
बीजापुर वन विभाग के एसडीओपी एन आर नायडू ने इस संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि बीजापुर के लघु वनोपज सरकारी समितियों ने 1 जुलाई को 5 समितियों से कुल 4 करोड़ 63 लाख 28 हजार 8 रुपए बैंको से आहरण कर तेंदूपत्ता हितग्राहियों को नकद भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
संग्राहकों को लगातार किया जा रहा नकद भुगतान
इन 5 समितियों में से 38 फड़ और करीब 4 हजार 536 संग्राहक है. वर्तमान में फड़ मुंशियों की ओर से तेंदूपत्ता संग्राहकों को लगातार नकद भुगतान किया जा रहा है. इसके अलावा अन्य समिति भी राशि आहरण कर नकद भुगतान करने का कार्य शुरु कर रही है.
सड़कों पर उतर गए थे आदिवासी
बता दें, बीते 29 जून को जिला मुख्यालय में हजारों की तादाद में आदिवासी सड़कों पर उतरे थे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तेंदूपत्ता का भुगतान चेक के बजाय नकद करने की मांग कर रहे थे.
विधायक ने मुख्यमंत्री को कराया था समस्या से अवगत
प्रदर्शन वाले ही दिन बीजापुर विधायक और बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मण्डावी ने हितग्राहियों की मांग से प्रदेश के मंत्रियों को अवगत कराया था. जिसके बाद ग्रामीणों की मांग पर गंभीरता से विचार किया गया.
मुख्यमंत्री ने की थी घोषणा
हितग्राहियों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री बघेल ने बीजापुर सहित प्रदेश के अन्य नक्सल प्रभावित जिले दंतेवाड़ा और सुकमा में भी तेंदूपत्ता का नकद भुगतान करने की घोषणा की.
तीन जिलों में नकद भुगतान करने की घोषणा
बघेल सरकार के इस घोषणा से तीनों जिलों में तेंदूपत्ता हितग्राहियों में भारी उत्साह है और बीजापुर जिले के हितग्राहियों का कहना है कि हमें भरोसा था कि विधायक विक्रम शाह मण्डावी हमारे साथ कभी गलत नहीं होने देंगे.
कई दिनों से की जा रही थी मांग
गौरतलब है कि बीजापुर जिले के तेंदूपत्ता हितग्राही लगातार तेंदूपत्ता का नकद भुगतान करने के लिए बीते कई दिनों से मांग कर रहे थे. इसके लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी कलेक्टर को कई बार ज्ञापन सौंपा था और उनकी समस्याओं से अवगत कराया था.