ETV Bharat / state

बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा  यह गांव, पहली बार विधायक ने ली सुध - बीराभट्टी में बुनियादी सुविधाएं

जिले में अब भी कई गांव ऐसे हैं, जहां के लोग आजादी के इतने साल बाद भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं. ग्रामीणों की शिकायत पर पहली बार क्षेत्रीय विधायक गांव पहुंचे और समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया.

birabhatti Village of bijapur  craving for basic facilities
बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा गांव
author img

By

Published : May 10, 2020, 6:37 PM IST

Updated : May 10, 2020, 9:08 PM IST

बीजापुर: आजादी के सात दशक बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने अबूझमाड के छोर पर बसे बीराभट्टी गांव की सुध ली है. इस गांव के पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के आदिवासी ग्रामीणों को साफ पानी पीने के लिए एक हैंडपंप तक नसीब नहीं था.

बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा यह गांव

बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को पार कर, बीजापुर विधायक और बस्तर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी प्रशासनिक अमले के साथ बीराभट्टी गांव पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों को 6 हैंडपंप की सौगात दी और साथ ही गांव में जल्द ही स्कूल, आंगनबाडी और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.

गांव में नहीं है पुलिया

बता दें कि बीराभट्टी गांव जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर कुटरू में इंद्रावती नदी के टापू पर बसा है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आज तक इंद्रावती नदी पर पुल नहीं बन पाया. जिस कारण ये गांव अब तक विकास से अछूता रहा. कई लोगों ने तो इस गांव का नाम तक नहीं सुना था.

ग्रामीणों ने विधायक को बताई समस्या

बीराभट्टी के कुछ ग्रामीणों ने दो दिन पहले बीजापुर विधायक से मिलकर उन्हें गांव की समस्याओं से अवगत कराया था. जिसके बाद विधायक ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए खुद ही गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं के बारे ने जाना. विधायक ने कुछ समस्याओं को तुरंत ही सुलझाया और कुछ समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया.

कुंए के सहारे प्यास बुझा रहे थे ग्रामीण

बता दें कि, ये गांव इंद्रावती नदी के टापू में स्थित है. गांव के चारों ओर इंद्रावती नदी का प्रवाह है. इस गांव में आजादी के बाद से ग्रामीणों के लिए अब तक एक हैंड पंप तक नहीं लगवाया गया था. ग्रामीण कुंआ और कुछ जल स्त्रोतों के सहारे अपनी प्यास बुझाते थे.

बीजापुर: आजादी के सात दशक बाद पहली बार किसी जनप्रतिनिधि ने अबूझमाड के छोर पर बसे बीराभट्टी गांव की सुध ली है. इस गांव के पिछड़ेपन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के आदिवासी ग्रामीणों को साफ पानी पीने के लिए एक हैंडपंप तक नसीब नहीं था.

बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा यह गांव

बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी को पार कर, बीजापुर विधायक और बस्तर प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी प्रशासनिक अमले के साथ बीराभट्टी गांव पहुंचे. जहां उन्होंने ग्रामीणों को 6 हैंडपंप की सौगात दी और साथ ही गांव में जल्द ही स्कूल, आंगनबाडी और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का आश्वासन भी दिया.

गांव में नहीं है पुलिया

बता दें कि बीराभट्टी गांव जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर कुटरू में इंद्रावती नदी के टापू पर बसा है. नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण आज तक इंद्रावती नदी पर पुल नहीं बन पाया. जिस कारण ये गांव अब तक विकास से अछूता रहा. कई लोगों ने तो इस गांव का नाम तक नहीं सुना था.

ग्रामीणों ने विधायक को बताई समस्या

बीराभट्टी के कुछ ग्रामीणों ने दो दिन पहले बीजापुर विधायक से मिलकर उन्हें गांव की समस्याओं से अवगत कराया था. जिसके बाद विधायक ने ग्रामीणों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए खुद ही गांव पहुंचकर ग्रामीणों की समस्याओं के बारे ने जाना. विधायक ने कुछ समस्याओं को तुरंत ही सुलझाया और कुछ समस्याओं को जल्द से जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया.

कुंए के सहारे प्यास बुझा रहे थे ग्रामीण

बता दें कि, ये गांव इंद्रावती नदी के टापू में स्थित है. गांव के चारों ओर इंद्रावती नदी का प्रवाह है. इस गांव में आजादी के बाद से ग्रामीणों के लिए अब तक एक हैंड पंप तक नहीं लगवाया गया था. ग्रामीण कुंआ और कुछ जल स्त्रोतों के सहारे अपनी प्यास बुझाते थे.

Last Updated : May 10, 2020, 9:08 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.