बीजापुर: बाघ के खाल की कथित तस्करी के सिलसिले में बीजापुर में नौ और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आईटीआर) के निदेशक गणवीर धम्मशिल ने बुधवार को यह जानकारी मीडिया से साझा की. मामले में 9 लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही अब तक पकड़े गए लोगों की संख्या 39 हो गई है. गिरफ्तार आरोपियों में दो पुलिसकर्मी और एक सीआरपीएफ इंस्पेक्टर भी शामिल हैं.
30 जून को वन विभाग की टीम ने बरामद की थी खाल: उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व (गरियाबंद जिला) और बीजापुर वन प्रभाग की अवैध शिकार विरोधी टीम ने 30 जून को आईटीआर के मद्देड़ बफर रेंज के रुद्रराम गांव से बाघ की खाल बरामद की. वन अधिकारियों ने बाद में हिरण के सींग और खोपड़ी के दो टुकड़े, बाघ की हड्डियां, तेंदुए की खाल, उल्लू की खोपड़ी के पंजे, दो सांभर के सींग, चार भालू के नाखून, एक जीआई तार का फंदा और दो वाहन जब्त किए. गिरफ्तार 9 आरोपियों की निशानदेही पर बाकी के 30 आरोपी भी पकड़े गए हैं. वहीं 7 अब भी फरार बताए जा रहे हैं.
13 लाख में तय हुआ था बाघ की खाल का सौदा: वन अधिकारियों के अनुसार सीआरपीएफ अधिकारी ने कथित तौर पर 13 लाख रुपये में बाघ की खाल खरीदने का सौदा किया था और 7.5 लाख रुपये एडवांस में लिया था.
इन आरोपियों को भेजा जा चुका जेल: 18 जुलाई 2023 की स्थिति में कुल 39 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. इनमें तुलसीराम, रामकुमार टिंगे, ओमप्रकाश ठाकुर, गणेश यालम, मनोज कुरसम, अमित कुमार झा, आरती दास गंधर्व, पुतुल बर्मन (महिला आरोपी), पीतांबर साहू, सुधाकर हटवार, श्यामराव शिवनकर, शालीकराम मरकाम, अशोक खोटेले, जागेश्वर साहू, धर्माराव चापले, श्रवण झाड़ी, रंजीत कुलदीप, अली बक्श खान, किशोर दशरिया आदि की बाघ, तेंदुआ की खाल, कछुआ और अन्य वन्यजीवों के खरीदी-बिक्री में संलिप्तता रही है, जिन्हें जेल भेजा गया है.