बीजापुर: छत्तीसगढ़ में कोदो-कुटकी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाएगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये बात बीजापुर में आमसभा के दौरान कही. सीएम ने कहा कि इस साल कोदो-कुटकी की एमएसपी तय होगी. छत्तीसगढ़ में उगाया जाने वाला कोदो-कुटकी डायबिटीज के मरीजों के लिए दवा के रूप में काम करता है.
कोदो, जिसका स्वाद तो कुछ खास नहीं होता, लेकिन ये मधुमेह यानी डायबटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद माना जाता है. कोदो को डायबटीज के मरीज चावल के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं. कभी हजारों हेक्टेयर रकबे में लगने वाला औषधीय कोदो महज कुछ किसानों के खेतों तक ही सिमटकर रह गया है. कोदो का बाजार मूल्य लगभग 6000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है, जो अच्छे किस्म के चावल से भी कहीं ज्यादा है.
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समर्थन मूल्य पर खरीदे जा रहे वनोपज
52 प्रकार के लघु वनोपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य से खरीदा जा रहा है. कोरोनाकाल में ग्रामीणों द्वारा महुआ, इमली का भी संग्रहण किया गया. सरकार बस्तर में कुपोषण के खिलाफ सुपोषण अभियान की शुरूआत की गयी, जिससे 77 हजार से अधिक बच्चे सुपोषित हो चुके हैं.
बस्तर के विकास में नहीं होगी कमी: सीएम बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग के विकास कार्य के लिए कोई कमी नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि बस्तर की संस्कृति-सभ्यता, यहां के लोगों के विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वास्थ्य और खेलकूद को बढ़ावा देने का कार्य सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बस्तर में प्रतिभा की कमी नहीं है, सिर्फ अवसर देने की आवश्यकता है. सीएम ने कहा कि बस्तर में भूमिहीन लोगों को भूमि का अधिकार देने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है.