बीजापुर: जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी ने तेंदूपत्ता श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान बैंकों के माध्यम से किए जाने के फैसले पर चिंता जताई है. बसंत राव ताटी ने तेंदूपत्ता श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान कैश में करने की मांग बीजापुर कलेक्टर से की है, इसके साथ ही उन्होंने कलेक्टर के सामने कई सुझाव भी रखे हैं.
दरअसल बैंकों के माध्यम से तेंदूपत्ता श्रमिकों को मजदूरी प्राप्त करने में परेशानियां हो रही हैं. इसके लिए शासन-प्रशासन का ध्यानाकर्षण कराते हुए ताटी ने बताया कि बीजापुर जिले में कुल 54 हजार तेंदूपत्ता श्रमिक हैं. इनमें से लगभग 15 हजार ही ऐसे श्रमिक हैं, जिनका बीजापुर के अलग-अलग बैंकों में खाता है. बाकी मजदूरों ने बैंकों में अपना खाता खोला ही नहीं है.
बसंत राव ताटी का कहना है कि बीजापुर जिला क्षेत्रफल की दृष्टिकोण से बहुत बड़ा होने के साथ-साथ यहां की भौगोलिक परिस्थितियां भी श्रमिकों के आने-जाने के लिए अच्छी नहीं हैं. बीजापुर जिले में मात्र 10 बैंक हैं. उन्होंने कहा कि अगर बैंकों के माध्यम से तेंदूपत्ता श्रमिकों को मजदूरी का भुगतान किया जाता है, तो बहुत कम ऐसे हितग्राही होंगे, जो इसके लिए बैंक तक पहुंच पाएंगे.
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देश में लागू लॉकडाउन की वजह से भी सुदूर अंचल से तेंदूपत्ता श्रमिकों को बैंक तक पहुंचने में काफी असुविधाओं का सामना करना पड़ेगा. बसंत राव ताटी ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण सार्वजनिक स्थलों पर मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना भी हम सबकी बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. वहीं बड़ी संख्या में बैंक पहुंचने वाले तेंदूपत्ता श्रमिकों को मजदूरी लेते वक्त कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाना भी शासन-प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा.
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इन विपरीत परिस्थितियों में तेंदूपत्ता श्रमिकों के हितों को गंभीरता से विचार करते हुए बसंत राव ने उनकी मजदूरी भुगतान बैंकों की जगह कैश के माध्यम से करने का सुझाव कलेक्टर को दिया है.