कांकेर: कोड़ेकुर्से थाना में पदस्थ सहायक आरक्षक पिछले चार दिनों से लापता है. आरक्षक की बाइक कांकेर और राजनांदगांव की सीमा पर पड़ी मिली. यह इलाका नक्सल प्रभावित इलाका है. जिससे आरक्षक के अपहरण होने की आशंका जताई जा रही है. आरक्षक के परिजनों ने उसकी बाइक से नक्सल पर्चा मिलने की बात कही है. हालांकि पुलिस ने अभी मामले में नक्सलियों का हाथ होने की पुष्टि नहीं की है.
बाइक में मिले नक्सल पर्चे
कोड़ेकुर्से थाना में पदस्थ सहायक आरक्षक मनोज नेताम 28 अप्रैल को ड्यूटी से घर जाने के लिए निकला था, लेकिन वो घर नहीं पहुंचा. जिसके बाद परिजन थाने में सूचना देकर जवान की तलाश में जुट गए. इस बीच उन्हें भुरका के जंगलो के पास जवान की बाइक मिली. परिजनों का कहना है कि बाइक की डिक्की में एक पर्चा था जिसमें माओवाद जिंदाबाद के नारे और पुलिस मुखबिरी नहीं करने की बात लिखी हुई थी. हालांकि पुलिस ने नक्सल अपहरण मामले में अब तक पुष्टि नहीं की है. पुलिस का कहना है कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.
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जवान की पत्नी ने कहा कि अगर नक्सलियों ने उनके पति का अपहरण किया है, तो उसने अपने पति की सकुशल रिहाई की अपील की है. पत्नी ने कहा है कि वे अकेले कमाने वाले हैं. उनके ऊपर तीन बच्चों और बुजुर्ग पिता की जिम्मेदारी है. बस्तर आईजी पी सुंदरराज का कहना है कि मामले की छानबीन के दौरान तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. जिनसे पूछताछ जारी है. आईजी ने नक्सल घटना होने की बात से इंकार किया है. हालांकि पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों के कायरता करतूत रुक नहीं रहे हैं.
बीजापुर में ASI के अपहरण के बाद की थी हत्या
पिछले महीने नक्सलियों ने बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र के पालनार से ASI मुरली ताती का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी. ASI जगदलपुर के पास कोलिंग थाने में पदस्थ थे. वहां से उन्हें जगदलपुर लाइन अटैच कर दिया गया था. अपहरण के तीन दिन बाद नक्सलियों ने मुरली ताती की हत्या कर शव को सड़क पर फेंक दिया था. गंगालूर के पालनार से 21 अप्रैल को एसआई मुरली ताती का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था. अपहरण के बाद नक्सली तीन दिनों तक उसे अपने साथ घुमाते रहे, बाद में जन अदालत लगाकर जवान की हत्या कर दी.