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बीजापुर: फर्जी जाति प्रमाण पत्र वाले पटवारी को किया गया सेवा मुक्त - fake caste certificate in bijapur

बीजापुर जिले में फर्जी प्रमाण पत्र वाले पटवारी पर गाज गिरी है. जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के चलते पटवारी को सेवा से मुक्त कर दिया गया है. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के खिलाफ जिले में यह पहली कार्रवाई है. इस कार्रवाई के बाद से फर्जी प्रमाण पत्र वालों के बीच हड़कंप मचा हुआ है.

action against patwari
पटवारी पर गिरी गाज
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Published : Jan 3, 2021, 12:35 PM IST

बीजापुर: जिले में राजस्व विभाग में एक पटवारी पर फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्रवाई का पहला मामला सामने आया है. जिले मुख्यालय के रावतपाड़ा वार्ड क्रमांक 2 के निवासी राजू शाह की पटवारी के पद पर नियुक्ति हुई थी. यह नियुक्ति भोपालपटनम के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी ने 2016 में की थी. संबंधित पटवारी के जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत लगातार मिल रही थी. जिसके बाद अनुविभागीय राजस्व अधकारी ने पटवारी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. बता दें, अभ्यार्थी ने जाति प्रमाण पत्र में कूट रचना कर नौकरी ली थी.

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने जब जाति प्रमाण पत्र की जांच की तो यह किसी अन्य हितग्राही के नाम पर दर्ज पाया गया. पटवारी राजू शाह के जाति प्रमाण पत्र के विरुद्ध प्राप्त शिकायत जांच में सही पाई गई. इसके साथ ही प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई. पटवारी के चयन के बाद प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं करना कार्यालय प्रमुखों के लापरवाही को दर्शाता है. इस घटना के बाद से कार्यालय की गलती सामने आई.

पढ़ें- तीन दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंची भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी

पटवारी की सेवा समाप्त

जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के चलते पटवारी की सेवा समाप्त कर दी गई है. साथ ही अन्य पटवारी को तत्काल प्रभाव से हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश के साथ पटवारी राजू शाह को उनके सेवा समाप्ति के 1 माह पूर्व सूचित किया गया. आगामी 1 महीने के अवधि में सम्बंधित पटवारी तहसील कार्यालय उसूर में रहकर तहसीलदार उसूर के आदेशानुसार कार्यरत रहेंगे.

आगे भी आ सकते हैं ऐसे मामले

इस आदेश के बाद फर्जी जाति के प्रमाण वालों के बीच. तहलका मचा हुआ है. आने वाले समय में इस तरह के और मामले सामने आने की संभावना है.


बीजापुर: जिले में राजस्व विभाग में एक पटवारी पर फर्जी प्रमाण पत्र पर कार्रवाई का पहला मामला सामने आया है. जिले मुख्यालय के रावतपाड़ा वार्ड क्रमांक 2 के निवासी राजू शाह की पटवारी के पद पर नियुक्ति हुई थी. यह नियुक्ति भोपालपटनम के अनुविभागीय राजस्व अधिकारी ने 2016 में की थी. संबंधित पटवारी के जाति प्रमाण पत्र फर्जी होने की शिकायत लगातार मिल रही थी. जिसके बाद अनुविभागीय राजस्व अधकारी ने पटवारी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. बता दें, अभ्यार्थी ने जाति प्रमाण पत्र में कूट रचना कर नौकरी ली थी.

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने जब जाति प्रमाण पत्र की जांच की तो यह किसी अन्य हितग्राही के नाम पर दर्ज पाया गया. पटवारी राजू शाह के जाति प्रमाण पत्र के विरुद्ध प्राप्त शिकायत जांच में सही पाई गई. इसके साथ ही प्रशासन की लापरवाही भी सामने आई. पटवारी के चयन के बाद प्रमाण पत्र का सत्यापन नहीं करना कार्यालय प्रमुखों के लापरवाही को दर्शाता है. इस घटना के बाद से कार्यालय की गलती सामने आई.

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पटवारी की सेवा समाप्त

जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने के चलते पटवारी की सेवा समाप्त कर दी गई है. साथ ही अन्य पटवारी को तत्काल प्रभाव से हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है. इस आदेश के साथ पटवारी राजू शाह को उनके सेवा समाप्ति के 1 माह पूर्व सूचित किया गया. आगामी 1 महीने के अवधि में सम्बंधित पटवारी तहसील कार्यालय उसूर में रहकर तहसीलदार उसूर के आदेशानुसार कार्यरत रहेंगे.

आगे भी आ सकते हैं ऐसे मामले

इस आदेश के बाद फर्जी जाति के प्रमाण वालों के बीच. तहलका मचा हुआ है. आने वाले समय में इस तरह के और मामले सामने आने की संभावना है.


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