ETV Bharat / state

'लाल आतंक' ने फैलाया था डर का 'अंधकार', शिक्षक जगा रहे ज्ञान की अलख - पदेडा

बीजापुर में नक्सलियों के डर की दिवार अब ढह रही है. वहीं हर दिन उगते सूरज के साथ शिक्षा की जोत जल रही है. ग्रामीणों और शिक्षा विभाग की मेहनत के कारण अब आदिवासी बच्चे भी शिक्षित होंगे.

12 साल बाद खुले स्कूल
author img

By

Published : Nov 9, 2019, 9:57 AM IST

Updated : Nov 9, 2019, 1:41 PM IST

बीजापुर : नक्सलगढ़ का गढ़ कहे जाने वाले बीजापुर में आज कई सालों से बंद स्कूलों को खोलकर शिक्षा की ज्योति जलाई जा रही है. ग्रामीण, शिक्षक और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से ही यह सब संभव हो पाया. जिन स्कूलों को नक्सलियों ने आज से 14 साल पहले बंद कराया था वहां आज बच्चे एक बार फिर अक्षरों और मात्राओं के सहारे ज्ञान की घुट्टी पी रहे हैं.

पैकेज

बता दें कि, 14 साल पहले नक्सलियों ने जो डर की दीवार खड़ी की थी, उसे ग्रामीण ज्ञान के हथियार के सहारे ढहाने की कोशिश कर रहे हैं. ये हिम्मत, साहस और लगन का परिणाम हैं कि जहां कुछ महीने पहले डर का अंधेरा छाया रहता था, वहां आज ज्ञान की ज्योति जल रही है.

कैसे हुआ सब कुछ

  • पदमुर, काकेकोरमा, गोरना, पदेडा समेत 12 से ज्यादा स्कूल बंद पड़े थे, जिन्हें खोला गया है. यह सब कुछ नए सिरे से शुरू करना आसान नहीं था. जब हमने यह चमत्कार करने कर करने वाली टीम के सदस्य शिक्षक विजय गोन्दे से इस बारे पूछा गया कि यह कुछ कैसे संभव हुआ तो, उसने हौसले का परिचय देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से पूरे जोर-शोर के साथ प्रयास किया जा रहा है, ताकि आदिवासी बच्चों के जीवन मे उजाला आ सके.
  • बता दें कि जिले में करीब 14 वर्षों से 300 स्कूल बंद पड़े हैं, जिनमें 12 से ज्यादा स्कूलों को खोला जा चुका है. इस सराहनीय प्रयास के लिए बीजापुर, उसूर, भैरमगढ़ विकासखंड के 13 शिक्षादूतों मंत्री ने सम्मानित भी किया है.
  • वहीं बीईओ मो.जाकिर खान ने बताया कि जिले में बंद पड़े स्कूलों का पुनः संचालन जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से किया गया है.

शिक्षा विभाग के प्रयास ने जिले के उन अंदरूनी इलाकों में ज्ञान की अलख जल रही है, जहां एक वक्त 'लाल आतंक' का अंधेरा छाया रहता था, शिक्षा विभाग और शिक्षकों की मदद से वहां ज्ञान की रोशनी फैल रही है.

बीजापुर : नक्सलगढ़ का गढ़ कहे जाने वाले बीजापुर में आज कई सालों से बंद स्कूलों को खोलकर शिक्षा की ज्योति जलाई जा रही है. ग्रामीण, शिक्षक और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयास से ही यह सब संभव हो पाया. जिन स्कूलों को नक्सलियों ने आज से 14 साल पहले बंद कराया था वहां आज बच्चे एक बार फिर अक्षरों और मात्राओं के सहारे ज्ञान की घुट्टी पी रहे हैं.

पैकेज

बता दें कि, 14 साल पहले नक्सलियों ने जो डर की दीवार खड़ी की थी, उसे ग्रामीण ज्ञान के हथियार के सहारे ढहाने की कोशिश कर रहे हैं. ये हिम्मत, साहस और लगन का परिणाम हैं कि जहां कुछ महीने पहले डर का अंधेरा छाया रहता था, वहां आज ज्ञान की ज्योति जल रही है.

कैसे हुआ सब कुछ

  • पदमुर, काकेकोरमा, गोरना, पदेडा समेत 12 से ज्यादा स्कूल बंद पड़े थे, जिन्हें खोला गया है. यह सब कुछ नए सिरे से शुरू करना आसान नहीं था. जब हमने यह चमत्कार करने कर करने वाली टीम के सदस्य शिक्षक विजय गोन्दे से इस बारे पूछा गया कि यह कुछ कैसे संभव हुआ तो, उसने हौसले का परिचय देते हुए बताया कि शिक्षा विभाग की ओर से पूरे जोर-शोर के साथ प्रयास किया जा रहा है, ताकि आदिवासी बच्चों के जीवन मे उजाला आ सके.
  • बता दें कि जिले में करीब 14 वर्षों से 300 स्कूल बंद पड़े हैं, जिनमें 12 से ज्यादा स्कूलों को खोला जा चुका है. इस सराहनीय प्रयास के लिए बीजापुर, उसूर, भैरमगढ़ विकासखंड के 13 शिक्षादूतों मंत्री ने सम्मानित भी किया है.
  • वहीं बीईओ मो.जाकिर खान ने बताया कि जिले में बंद पड़े स्कूलों का पुनः संचालन जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से किया गया है.

शिक्षा विभाग के प्रयास ने जिले के उन अंदरूनी इलाकों में ज्ञान की अलख जल रही है, जहां एक वक्त 'लाल आतंक' का अंधेरा छाया रहता था, शिक्षा विभाग और शिक्षकों की मदद से वहां ज्ञान की रोशनी फैल रही है.

Intro:बीजापुर- धुर नक्सल प्रभावित जिले में आदिवासी बच्चों के जीवन मे उजाला करने की पहल की जा रही है एवं हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार दिलाने में जुटा हुआ है शिक्षा विभाग
हम आपको बता दें कि जिले में करीब 14 वर्षों से करीब 300 स्कूल बंद पड़ा है...
Body:बंद पडे गांव के स्कूलों में से शिक्षा का अलख जलाने शिक्षा विभाग ने पुरजोर प्रयास कर रहे हैं इस पुरजोर प्रयासों में से जिले में पदमुर काकेकोरमा गोरना पदेडा समेत 12 स्कूलों से ज्यादा बंद पड़े स्कूलों को खोला गया है।
Conclusion:शिक्षादूतों का सम्मान किया गया,जिले में बंद पड़े स्कूलों का पुनः संचालन जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से किया गया है। शिक्षा विभाग के प्रयासों से शिक्षक जिले के अन्दरूनी क्षेत्रों के उन ग्रामों तक पहुंचे और बंद पडे़ स्कूलों को पुनः शुरू किया गया। जिले के 03 ब्लाक बीजापुर, उसूर,भैरमगढ़, विकासखण्डों के 13 शिक्षादूतों का कुछ दिन पहले आये मंत्री ने सम्मानित भी किया गया।

बाईट मो.ज़ाकिर खान....बी.ई. ओ. बीजापुर
बाईट - विजय गोन्दे.…शिक्षा धुत,पदमुर
Last Updated : Nov 9, 2019, 1:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.