बालोद: होली के त्योहार में हर्बल रंगों की उपयोगिता बढ़ी है. ऐसे में जिला प्रशासन और कृषि विभाग के नवाचार से महिलाएं फूलों और सब्जियों से हर्बल गुलाल तैयार कर रही हैं. इससे महिलाओं को स्वरोजगार तो मिल रहा है साथ ही पारंपरिक पलाश के फूलों से बने गुलाल बाजार में उपलब्ध हो पा रहे हैं.
इसके संदर्भ में विशेष प्रशिक्षण महिलाओं को दिया गया था. शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बारी के तहत यह निर्माण किया जा रहा है.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास से बिहान योजना के तहत गुलाल बनाने का कार्य महिलाएं कर रही है. साथ ही इन्हें जिला प्रशासन के माध्यम से बाजार में भी मुहैया कराया जा रहा है. जनपद कार्यालयों समेत शासकीय कार्यालयों में यह महिलाएं दुकान लगा रही हैं.
'जिला प्रशासन ने की मदद'
महिलाओं ने बताया कि 'वे लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हैं और जिला प्रशासन की ओर से उन्हें प्रशिक्षण दिया गया.' बेहद ही कम समय में महिलाओं ने यह प्रशिक्षण लिया और अब काम शुरू हो चुका है.
लोगों की पहली पसंद बनी हर्बल गुलाल
उन्होंने बताया कि 'चुकंदर के रस से गुलाल तैयार किया जा रहा है. वहीं पलाश के फूल, गुलाब और पालक से भी गुलाल बनाये जा रहे हैं. जब वह ये गुलाल बाजार में लेकर जाते हैं तो उन्हें काफी अच्छा रिस्पांस मिलता है. साथ ही प्राकृतिक सुगंध के साथ ये गुलाल लोगों की पहली पसंद बन गए हैं'.