बेमेतरा: झुंड से भटके हिरण को ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंपा - सिंघनपुरी गांव पहुंचा हिरण
बेमेतरा के हांफ नदी के किनारे झुंड से भटककर आए एक हिरण को ग्रामीणों ने वन विभाग को सौंप दिया. हिरण पानी की तलाश में नदी के किनारे आ गया था. गांव के कुत्तों के डर से ग्रामीणों ने हिरण के शावक को पकड़कर वन विभाग को सौंप दिया.
बेमेतरा: हांफ नदी के तट पर बसे सिंघनपुरी गांव में रविवार को शाम 4 बजे बच्चों ने हिरण के शावक को देखा. बच्चों ने इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी. गांव के कुत्तों के डर से ग्रामीणों ने हिरण के शावक को पकड़कर ग्राम पंचायत में सुरक्षित रखा. इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी जानकारी पुलिस व वन विभाग को दी. ग्रामीणों ने हिरण के शावक को वन विभाग को सौंप दिया.
शावक को देखने उमड़ पड़ा ग्रामीणों का हुजूम
सिघंनपूरी गांव के हांफ नदी में बच्चो की टोली ने हिरण के शावक को पानी पीते देखा तो खुशी से दौड़ पड़े. बच्चे को देखने धीरे-धीरे पूरा गांव उमड़ पड़ा. कूदते-भागते हिरण के शावक को कुत्तों व अन्य जानवरों से बचाने ग्रामीणों ने पकड़ कर ग्राम पंचायत भवन में सुरक्षित रखा. इसकी जानकारी पुलिस और वन विभाग को दी. इसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच हिरण को डिपो ले गई. गांव के गौकरण कुमार और संजू कौशल ने बताया कि हिरण चिंतल प्रजाति का है. इसकी उम्र करीब 2 साल है.
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कबीरधाम और लोरमी के जंगलों से आते हैं हिरण
अंधियारखोर अंचल में अक्सर कबीरधाम और लोरमी के जंगलों से भटक कर हिरण पानी की तलाश में गांव में चले आते हैं. इससे वे कुत्तों के शिकार हो जाते हैं. भूख प्यास से भी दम तोड़ देते हैं. 6 महीने पहले भी अंधियारखोर के किसान हरी साहू के खेत में हिरण के शावक को घूमते देखा गया था. पूर्व में मरका जेवरा देवरी घठोली में भी हिरण देखे गए हैं. बेमेतरा में गन्ना की फसल की अधिकता के कारण जंगली सुअरों की झुंड भी खेतों से गांव तक आ रहे हैं.