बेमेतरा: भारत डिजिटल इंडिया के सपने संजोए आगे बढ़ रहा है, लेकिन छत्तीसगढ़ के कई गांवों में अब तक विकास नहीं पहुंच पाया है, जिसके कारण लोगों को मूलभूत सुविधाएं के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. ऐसा ही एक गांव है, मरका जहां से नरी गांव तक 6 किलोमीटर तक सड़क अब तक नहीं बन पाई है.
बेमेतरा ब्लॉक के मरका गांव से नरी तक सड़क मार्ग के निर्माण के लिए कई नेताओं ने ग्रामीणों को आश्वशन दिया है, लेकिन सड़क निर्माण के लिए किसी ने ध्यान नहीं दिया. इसके लिए ग्रामीणों ने कई बार आवेदन दिए, लेकिन न प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना यहां तक पहुंची और न ही मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, जिसके कारण ग्रामीण आधुनिक भारत के दौर में भी बदतर सड़क पर चलने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों को अस्पताल आने में होती है परेशानी
बता दें कि अंचल में मरका गांव में ही सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जो 24 घंटे मरीजों को सेवा दे रहा है, लेकिन आपात स्थिति में अगर नरी गांव से 6 किलोमीटर मरका अस्पताल आना पड़े तो सड़क की स्थिति को देखकर लोगों को सोचने के लिए मजबूर होना पड़ता है. बदहाल सड़क के कारण ही ग्रामीणों को 20 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय जाने को मजबूर होना पड़ता है.
किसानों ने खेत जाने के लिए बनाई थी कच्ची सड़क
बता दें कि मरका से नरी जाने के लिए जिस मार्ग का उपयोग किया जा रहा है, वह किसानों की देन है. इसे किसानों ने खेत से बैलगाड़ी आने-जाने के लिए बनवाया था. उसी रास्ते से अब तक आवागमन हो रहा है, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
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बारिश में कच्ची सड़क हो जाती है दलदल
मिट्टी वाली सड़क में बरसात के दिनों में आवागमन पूरी तरीके से बाधित रहता है. सड़क चलने के लायक भी नहीं होती है. कोई बीमार हो जाए तो एंबुलेंस भी नहीं मिलती.