बेमेतरा: जिले के नांदघाट थाना क्षेत्र के ग्रामीणों से नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपियों ने खुद को न्यायालय में चपरासी बताकर ग्रामीणों की नौकरी भी चपरासी पद पर लगवाने के नाम पर 15 लाख 40 हजार रुपए लिए थे. मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपियों को (accused of swindling arrested) धर दबोचा.
15 लाख 40 हजार रुपए की ठगी
पूरा मामला बेमेतरा जिले के नांदघाट थाना क्षेत्र का है. जहां आकोली, चिचोली, बैतलपुर, किरता सहित अन्य गांव के 17 लोगों से आरोपियों ने न्यायालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 15 लाख 40 हजार रुपए लिए. आरोपी मनीष सोनवानी बिलासपुर का रहने वाला है, जिसने अपने आपको न्यायालय का चपरासी बताकर भोलेभाले ग्रामीणों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर उनसे लाखों रुपए ऐंठ लिए.
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प्रार्थी रोहित निषाद ने नांदघाट थाने में आकर अपने और अन्य लोगों के साथ ठगी की जानकारी दी. जिस पर पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं जांच के दौरान पता चला कि आरोपी का भाई मनोज सोनवानी भी ठगी के काम में संलिप्त है. जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है.
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आरोपियों पर लगी धारा 420
नांदघाट पुलिस के एडिशनल एसपी विमल बैस से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार को मनोज सोनवानी और उसके भाई मनीष सोनवानी को गिरफ्तार किया गया. जिनके पास से 2 लाख 24 हजार नकद रुपये और लोगों के दस्तावेज सहित एक मोपेड बरामद किए गए हैं. दोनों आरोपी बिलासपुर में किराये के मकान में रहते हैं. जिन्हें बुधवार को पुलिस ने धारा 420 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है.