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बेमेतरा में ब्लैक फंगस के 10 मरीज मिले, 3 की मौत

बेमेतरा में ब्लैक फंगस के मरीज (black fungus patients) सामने आने लगे हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 10 मामलों की पहचान हो चुकी है. इनमें से 3 की मौत भी हो चुकी है.

Black fungus patients in Bemetara
बेमेतरा जिला अस्पताल
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Published : Jun 4, 2021, 6:11 PM IST

बेमेतरा: जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) ने दस्तक दी है. जिसके 10 मरीज मिलने की पुष्टि बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग (bemetara health department) ने की है. इसके अलावा ब्लैक फंगस से तीन मरीजों की मौत (three patients died of black fungus) भी हो चुकी है. साथ ही 7 मरीजों का रायपुर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. बेमेतरा में कोरोना की स्थिति सुधार होने के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) से लोगों को खतरा होने लगा है.

बेमेतरा में ब्लैक फंगस के मामले

बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग (bemetara health department) से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कोरोना के मामलों में सुधार आ रहा है. जिसके बाद अब बेमेतरा में ब्लैक फंगस के मामले (black fungus cases in bemetara) भी सामने आ रहे हैं. बेमेतरा में अब तक ब्लैक फंगस के 10 मरीजों की पहचान हुई है. जिसमें 3 मरीजों की मौत हो चुकी है. चिन्हांकित मरीजों में बेरला ब्लॉक के 4, बेमेतरा ब्लॉक के 3, साजा ब्लॉक के 2 और नवागढ ब्लॉक के 1 मरीज मिले हैं. इस संबंध में बेमेतरा CMHO डॉ. सतीश शर्मा ने बताया की पहले कोरोना संक्रमित पाए गए मरीजों को ही ब्लैक फंगस से ग्रसित पाया गया है. जिसमें 3 की मौत हो चुकी है. वहीं 7 का इलाज चल रहा है.

बिलासपुर में मिले ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज

स्वास्थ्य विभाग की अपील

स्वास्थ्य विभाग ने म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis disease) यानी ब्लैक फंगस के बचाव के लिए अफवाहों से बचने की अपील की है. स्वास्थ्य विभाग ने ये जानकारी दी है कि यह संक्रामक रोग नहीं है. ये रोग मुख्यतः स्टेरॉयड जैसी बीमारी की दवा लेने वालों में ज्यादा प्रभावी है. ऐसे व्यक्तियों को ये साइनस या फेफड़े, हवा से फंगल इन्फेक्शन अंदर जाने के बाद प्रभावित करता है. ब्लैक फंगस से संक्रमित होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है जो मुख्यतः मधुमेह (Diabetes) और अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) से प्रभावित होते हैं.

ब्लैक फंगस के लक्षण और बचाव के उपाय

ब्लैक फंगस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. ब्लैक फंगस के लक्षण (symptoms of black fungus) में आंख और नाक के आसपास दर्द होना, बुखार, सिरदर्द, खांसी, उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ मानसिक स्थिति में बदलाव आना है. इसके बचाव के लिए मास्क पहनें. मिट्टी या अन्य स्थानों में काम के दौरान फुल पैंट और जूते पहनें.

मधुमेह रोगियों को ब्लैक फंगस की ज्यादा संभावना

कोविड 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि, कोविड 19 रोगियों सहित मधुमेह रोगी और कमजोर इम्युनिटी (low immunity) वाले लोगों में ब्लैक फंगस होने की संभावना ज्यादा है. ऐसे लोगों को यदि नाक में रुकावट या जमाव या खूनी स्त्राव की शिकायत होती है, गाल की हड्डी में दर्द, चेहरे का एकतरफ दर्द, सुन्न और सूजन हो, तो ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस होने की संभावना बढ़ जाती है.

बेमेतरा: जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) ने दस्तक दी है. जिसके 10 मरीज मिलने की पुष्टि बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग (bemetara health department) ने की है. इसके अलावा ब्लैक फंगस से तीन मरीजों की मौत (three patients died of black fungus) भी हो चुकी है. साथ ही 7 मरीजों का रायपुर के अलग-अलग अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. बेमेतरा में कोरोना की स्थिति सुधार होने के बाद अब ब्लैक फंगस (black fungus) से लोगों को खतरा होने लगा है.

बेमेतरा में ब्लैक फंगस के मामले

बेमेतरा स्वास्थ्य विभाग (bemetara health department) से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में कोरोना के मामलों में सुधार आ रहा है. जिसके बाद अब बेमेतरा में ब्लैक फंगस के मामले (black fungus cases in bemetara) भी सामने आ रहे हैं. बेमेतरा में अब तक ब्लैक फंगस के 10 मरीजों की पहचान हुई है. जिसमें 3 मरीजों की मौत हो चुकी है. चिन्हांकित मरीजों में बेरला ब्लॉक के 4, बेमेतरा ब्लॉक के 3, साजा ब्लॉक के 2 और नवागढ ब्लॉक के 1 मरीज मिले हैं. इस संबंध में बेमेतरा CMHO डॉ. सतीश शर्मा ने बताया की पहले कोरोना संक्रमित पाए गए मरीजों को ही ब्लैक फंगस से ग्रसित पाया गया है. जिसमें 3 की मौत हो चुकी है. वहीं 7 का इलाज चल रहा है.

बिलासपुर में मिले ब्लैक फंगस के 3 नए मरीज

स्वास्थ्य विभाग की अपील

स्वास्थ्य विभाग ने म्यूकोरमाइकोसिस (mucormycosis disease) यानी ब्लैक फंगस के बचाव के लिए अफवाहों से बचने की अपील की है. स्वास्थ्य विभाग ने ये जानकारी दी है कि यह संक्रामक रोग नहीं है. ये रोग मुख्यतः स्टेरॉयड जैसी बीमारी की दवा लेने वालों में ज्यादा प्रभावी है. ऐसे व्यक्तियों को ये साइनस या फेफड़े, हवा से फंगल इन्फेक्शन अंदर जाने के बाद प्रभावित करता है. ब्लैक फंगस से संक्रमित होने की संभावना उन लोगों में ज्यादा होती है जो मुख्यतः मधुमेह (Diabetes) और अंग प्रत्यारोपण (organ transplant) से प्रभावित होते हैं.

ब्लैक फंगस के लक्षण और बचाव के उपाय

ब्लैक फंगस गंभीर बीमारी का कारण बन सकती है. ब्लैक फंगस के लक्षण (symptoms of black fungus) में आंख और नाक के आसपास दर्द होना, बुखार, सिरदर्द, खांसी, उल्टी-दस्त की शिकायत के साथ मानसिक स्थिति में बदलाव आना है. इसके बचाव के लिए मास्क पहनें. मिट्टी या अन्य स्थानों में काम के दौरान फुल पैंट और जूते पहनें.

मधुमेह रोगियों को ब्लैक फंगस की ज्यादा संभावना

कोविड 19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से जारी एडवायजरी में कहा गया है कि, कोविड 19 रोगियों सहित मधुमेह रोगी और कमजोर इम्युनिटी (low immunity) वाले लोगों में ब्लैक फंगस होने की संभावना ज्यादा है. ऐसे लोगों को यदि नाक में रुकावट या जमाव या खूनी स्त्राव की शिकायत होती है, गाल की हड्डी में दर्द, चेहरे का एकतरफ दर्द, सुन्न और सूजन हो, तो ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस होने की संभावना बढ़ जाती है.

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