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छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामियों से ढहा दुर्ग का किला!

दुर्ग के पूर्व सांसद और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कहते हैं. उन्हें दुर्ग में हार की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने एक शंका जाहिर करते हुए कहा कि, दुर्ग ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस की हार अप्रत्याशित है. उन्हें लगता है कि कहीं न कहीं कोई गड़बड़ी हुई है. जिसे देखने की जरूरत है और कुछ कांग्रेस संगठन में भी सुधार की जरूरत है.

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Published : May 25, 2019, 12:19 PM IST

रायपुर: लोकसभा चुनाव में पूरे देश में ऐतिहासिक परिणाम देखने को मिला. छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाला रहा. खासकर दुर्ग लोकसभा सीट पर, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी थी. दुर्ग लोकसभा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इसी क्षेत्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री से लेकर कई मंत्री आते हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामियों से ढहा दुर्ग का किला!

गड़बड़ी की आशंका
दुर्ग में कांग्रेस की हार कोई छोटी हार नहीं है. यहां जीत-हार का अंतर लाखों में है. जिसकी उम्मीद न तो कांग्रेस को थी न ही किसी और को. आखिर ऐसी क्या वजह रही कि कांग्रेस के गढ़ को बीजेपी ने भेद लिया, वो भी महज विधानसभा चुनाव के 6 महीने के भीतर. इसपर दुर्ग के पूर्व सांसद और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कहते हैं. उन्हें दुर्ग में हार की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने एक शंका जाहिर करते हुए कहा कि, दुर्ग ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस की हार अप्रत्याशित है. उन्हें लगता है कि कहीं न कहीं कोई गड़बड़ी हुई है. जिसे देखने की जरूरत है और कुछ कांग्रेस संगठन में भी सुधार की जरूरत है. हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ईवीएम का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहीं न कहीं किसी तरह की गड़बड़ी को लेकर शंका जाहिर जरूर किया है.

हार के लिए सरकार जिम्मेदार!
वहीं क्षेत्र की जनता कांग्रेस की हार को प्रदेश के 6 महीने की सरकार को जिम्मेदार बताती है. लोगों के कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और नाकामियों को गिना रहे हैं. क्षेत्र के ही एक वोटर ने बताया कि दुर्ग या छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी की हार छत्तीसगढ़ सरकार की किसानों से वादा खिलाफी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों से लोन माफ करने की बात कही थी, लेकिन जब प्रदेश में सरकार बनी तो उन्होंने सिर्फ सहकारी बैंकों का ही कर्ज माफ किया, उसमें भी सभी का कर्ज माफ नहीं हुआ है. एक किसान ने बताया कि उसने केसीसी से लोन लिया है, जिसे माफ करने की बात कांग्रेस ने कही थी, लेकिन उसका लोन आज तक माफ नहीं हुआ है.

सरकार ने कुछ नहीं किय!
क्षेत्र के ही एक और जनता का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हारने का कारण छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी है. उसने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार बनते ही प्रदेश के सभी युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के 6 महीने बाद भी प्रदेश में नौकरी के लिए कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कोई ऐसी योजना भी नहीं बनी है, जिससे यहां के युवाओं को स्व-रोजगार मिले.

मोदी फैक्टर ने काम किया
हालांकि, क्षेत्र के कुछ लोगों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के लिए मोदी फैक्टर भी जिम्मेदार है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के एक मतदाता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 6 महीने में कोई काम नहीं किया है ये तो सही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के लिए मोदी फैक्टर भी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मोदी फैक्टर ने लोगों का मन बदल दिया है. प्रदेश के मतदाताओं ने राष्ट्रवाद के नाम पर जमकर वोट किया है. उन्होंने कहा कि आज भी यहां के लोगों को मोदी पर विश्वास है. खासकर युवाओं को लगता है कि देश मोदी के हाथों में सुरक्षित है. इसलिए लोगों ने मोदी को ही एक बार फिर से चुना है.

राहुल-मोदी की तुलना में मोदी भारी
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के एक वरिष्ठ पत्रकार रवीकांत कौशिक कहते हैं, 'इस बार के लोकसभा चुनाव में सारे मुद्दे गायब रहे. इस बार जनता ने मुद्दों से हटकर राष्ट्रवाद और व्यक्ति विशेष को देखकर वोट दिया है.' कौशिक कहते हैं, 'इस बार जनता ने मोदी और राहुल की तुलना की जिसमें मोदी राहुल पर भारी पड़े'.
रविकांत कहते हैं, 'अब नेताओं को सोचने की जरूरत है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो जनता का मूड अब पहले जैसे नहीं रहा. अब जनता पार्टी या व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि कई अन्य विषयों को भी ध्यान में रखकर वोट करती है. जिस तरह विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई. उसी तरह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र 2 सीटों पर सिमट गई. जबकि जिस पार्टी को विधान सभा के दौरान करारी हार का मुंह देखना पड़ा था. उसी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जोरदार जीत हासिल की है'.

क्या होगा खुलासा?
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने हार के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हमारे लोगों ने अच्छा काम किया है. पूरी मेहनत से काम किया है और हमें जनादेश मंजूर है.' साथ ही उन्होंने यह बात भी कही कि कहीं न कहीं कुछ ऐसा है जिसकी वजह से बीजेपी को ऐसी जीत हासिल हुई है. उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा आने वाले समय में होगा.

उम्मीद से परे परिणाम
दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को मैदान में उतारा था. वहीं बीजेपी ने यहां से विजय बघेल को टिकट दिया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि दुर्ग लोकसभा सीट से प्रतिमा चंद्राकर भारी मतों से जीत हासल करेंगी, क्योंकि यह क्षेत्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था. भूपेश बघेल के अलावा क्षेत्र से राज्य सरकार में रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू और गुरू रुद्र भी मंत्री हैं जो इसीक्षेत्र से आते हैं. दुर्ग लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा सीट आती है. जिसमें साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा था कि, 2014 में जब मोदी की आंधी थी तो कांग्रेस ने इसी एक सीट पर जीत हासिल की थी.

रायपुर: लोकसभा चुनाव में पूरे देश में ऐतिहासिक परिणाम देखने को मिला. छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम भी चौंकाने वाला रहा. खासकर दुर्ग लोकसभा सीट पर, जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी थी. दुर्ग लोकसभा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है. इसी क्षेत्र से प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृहमंत्री से लेकर कई मंत्री आते हैं.

छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामियों से ढहा दुर्ग का किला!

गड़बड़ी की आशंका
दुर्ग में कांग्रेस की हार कोई छोटी हार नहीं है. यहां जीत-हार का अंतर लाखों में है. जिसकी उम्मीद न तो कांग्रेस को थी न ही किसी और को. आखिर ऐसी क्या वजह रही कि कांग्रेस के गढ़ को बीजेपी ने भेद लिया, वो भी महज विधानसभा चुनाव के 6 महीने के भीतर. इसपर दुर्ग के पूर्व सांसद और वर्तमान में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कहते हैं. उन्हें दुर्ग में हार की उम्मीद नहीं थी. उन्होंने एक शंका जाहिर करते हुए कहा कि, दुर्ग ही नहीं पूरे देश में कांग्रेस की हार अप्रत्याशित है. उन्हें लगता है कि कहीं न कहीं कोई गड़बड़ी हुई है. जिसे देखने की जरूरत है और कुछ कांग्रेस संगठन में भी सुधार की जरूरत है. हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ईवीएम का नाम तो नहीं लिया, लेकिन कहीं न कहीं किसी तरह की गड़बड़ी को लेकर शंका जाहिर जरूर किया है.

हार के लिए सरकार जिम्मेदार!
वहीं क्षेत्र की जनता कांग्रेस की हार को प्रदेश के 6 महीने की सरकार को जिम्मेदार बताती है. लोगों के कांग्रेस की हार पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश सरकार की वादाखिलाफी और नाकामियों को गिना रहे हैं. क्षेत्र के ही एक वोटर ने बताया कि दुर्ग या छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी की हार छत्तीसगढ़ सरकार की किसानों से वादा खिलाफी है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों से लोन माफ करने की बात कही थी, लेकिन जब प्रदेश में सरकार बनी तो उन्होंने सिर्फ सहकारी बैंकों का ही कर्ज माफ किया, उसमें भी सभी का कर्ज माफ नहीं हुआ है. एक किसान ने बताया कि उसने केसीसी से लोन लिया है, जिसे माफ करने की बात कांग्रेस ने कही थी, लेकिन उसका लोन आज तक माफ नहीं हुआ है.

सरकार ने कुछ नहीं किय!
क्षेत्र के ही एक और जनता का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के हारने का कारण छत्तीसगढ़ सरकार की नाकामी है. उसने बताया कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सरकार बनते ही प्रदेश के सभी युवाओं को रोजगार देने की बात कही थी, लेकिन सरकार बनने के 6 महीने बाद भी प्रदेश में नौकरी के लिए कोई वैकेंसी नहीं निकाली गई. इसके अलावा छत्तीसगढ़ में कोई ऐसी योजना भी नहीं बनी है, जिससे यहां के युवाओं को स्व-रोजगार मिले.

मोदी फैक्टर ने काम किया
हालांकि, क्षेत्र के कुछ लोगों का मानना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार के लिए मोदी फैक्टर भी जिम्मेदार है. दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के एक मतदाता ने बताया कि प्रदेश सरकार ने 6 महीने में कोई काम नहीं किया है ये तो सही है, लेकिन लोकसभा चुनाव में हार के लिए मोदी फैक्टर भी जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में मोदी फैक्टर ने लोगों का मन बदल दिया है. प्रदेश के मतदाताओं ने राष्ट्रवाद के नाम पर जमकर वोट किया है. उन्होंने कहा कि आज भी यहां के लोगों को मोदी पर विश्वास है. खासकर युवाओं को लगता है कि देश मोदी के हाथों में सुरक्षित है. इसलिए लोगों ने मोदी को ही एक बार फिर से चुना है.

राहुल-मोदी की तुलना में मोदी भारी
दुर्ग लोकसभा क्षेत्र के एक वरिष्ठ पत्रकार रवीकांत कौशिक कहते हैं, 'इस बार के लोकसभा चुनाव में सारे मुद्दे गायब रहे. इस बार जनता ने मुद्दों से हटकर राष्ट्रवाद और व्यक्ति विशेष को देखकर वोट दिया है.' कौशिक कहते हैं, 'इस बार जनता ने मोदी और राहुल की तुलना की जिसमें मोदी राहुल पर भारी पड़े'.
रविकांत कहते हैं, 'अब नेताओं को सोचने की जरूरत है, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो जनता का मूड अब पहले जैसे नहीं रहा. अब जनता पार्टी या व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि कई अन्य विषयों को भी ध्यान में रखकर वोट करती है. जिस तरह विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद बीजेपी 15 सीटों पर सिमट गई. उसी तरह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र 2 सीटों पर सिमट गई. जबकि जिस पार्टी को विधान सभा के दौरान करारी हार का मुंह देखना पड़ा था. उसी पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जोरदार जीत हासिल की है'.

क्या होगा खुलासा?
छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने हार के बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'हमारे लोगों ने अच्छा काम किया है. पूरी मेहनत से काम किया है और हमें जनादेश मंजूर है.' साथ ही उन्होंने यह बात भी कही कि कहीं न कहीं कुछ ऐसा है जिसकी वजह से बीजेपी को ऐसी जीत हासिल हुई है. उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा आने वाले समय में होगा.

उम्मीद से परे परिणाम
दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को मैदान में उतारा था. वहीं बीजेपी ने यहां से विजय बघेल को टिकट दिया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि दुर्ग लोकसभा सीट से प्रतिमा चंद्राकर भारी मतों से जीत हासल करेंगी, क्योंकि यह क्षेत्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था. भूपेश बघेल के अलावा क्षेत्र से राज्य सरकार में रविंद्र चौबे, ताम्रध्वज साहू और गुरू रुद्र भी मंत्री हैं जो इसीक्षेत्र से आते हैं. दुर्ग लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा सीट आती है. जिसमें साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने 8 सीटों पर जीत हासिल की थी. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा था कि, 2014 में जब मोदी की आंधी थी तो कांग्रेस ने इसी एक सीट पर जीत हासिल की थी.

Intro:नोट इस खबर की वॉक्स पॉप दूसरी फाइल में भेजी गई है

रायपुर इस बार के लोकसभा चुनाव में पूरे देश में ऐतिहासिक परिणाम देखने को मिले वहीं छत्तीसगढ़ में चुनाव परिणाम भी चौकाने वाला रहा खासकर दुर्ग लोकसभा सीट पर । जिस पर पूरे देश की निगाहें टिकी रहे । जो कांग्रेस का गढ़ माना जा रहा था जिस क्षेत्र से मुख्यमंत्री से लेकर कई मंत्री आते हैं उस क्षेत्र में भी बीजेपी ने जीत हासिल की वह भी छोटी मोटी जीत नहीं इस जीत का अंतर लाखो में था। जिसकी उम्मीद तो कांग्रेस ने कभी सपने में भी नहीं की होगी आखिर ऐसी क्या वजह रही कि बीजेपी के विजय बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के किले को ढहाने में कामयाब रहे

दुर्ग लोकसभा से कांग्रेस ने महिला उम्मीदवार प्रतिमा चंद्राकर को मैदान में उतारा था वहीं बीजेपी ने यहां से विजय बघेल को टिकट दी थी जिसके बाद कयास लगाए जा रहे थे कि दुर्ग लोकसभा सीट से प्रतिमा चंद्राकर भारी मतों से जीतेंगी क्योंकि यह क्षेत्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का था। भूपेश बघेल के लावा क्षेत्र से राज्य सरकार के मंत्री रविंद्र चौबे मंत्री ताम्रध्वज साहू और मंत्री गुरू रौद्र भी आते हैं। दुर्ग लोकसभा सीट के अंतर्गत कुल 9 विधानसभा में आती है जिसमें से साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव की 8 सीटों पर कांग्रेश ने जीत हासिल की इतना ही नहीं साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी पूरे प्रदेश में सिर्फ इस सीट से कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल पूर्व में सीएम भूपेश बघेल को चुनाव मैदान में मात दे चुके हैं साल 2008 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान विजय बघेल ने भूपेश बघेल को हराया था इसके बाद साल 2013 में विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल ने विजय बघेल को हराया हालांकि 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विजय बघेल को टिकट नहीं दी तब से ही अटकलें जोरों पर थी कि विजय बघेल को भाजपा दुर्ग लोकसभा से चुनाव लड़ा सकती है। सोनू अब यही बीजेपी ने दुर्ग लोकसभा से बीजेपी को टिकट दिए और उन्होंने इस सीट से एकतरफा जीत हासिल की

आखिर ऐसी क्या वजह रही कि चंद महीना पहले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने दुर्ग लोक सभा सीट पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए 9 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी ओर कुछ महीने बाद ही हुए लोक सभा चुनाव में इतनी बड़ी हार का सामना करना ।

लोगों का कहना है कि विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी लेकिन इस सरकार ने ना तो पूर्णत किसानों की कर्ज माफी की और ना ही घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा किया यही वजह है कि जनता ने बीजेपी पर अपना विश्वास जता है
वॉक्स पॉप क्षेत्रीय नागरिक

जब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू से हुई इस हार के बारे में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमारे लोगों ने अच्छा काम किया है पूरी मेहनत से काम किया है और हमें जनादेश मंजूर है लेकिन उन्होंने यह बात भी कही कि कहीं न कहीं कुछ ऐसा है जिसकी वजह से बीजेपी को ऐसी जीत हासिल हुई है उन्होंने कहा कि इस बात का खुलासा आने वाले समय में होगा

बाइट :- ताम्रध्वज साहू गृह मंत्री छत्तीसगढ़ शासन

वरिष्ठ पत्रकार रवी कांत कौशिक ने कहा कि इस बार के लोकसभा चुनाव में सारे मुद्दे गायब रहे इस बार जनता ने मुद्दों से हटकर राष्ट्रवाद और व्यक्ति विशेष को देखकर वोट दिया है कौशिक ने बताया कि इस बार जनता ने मोदी और राहुल की तुलना की जिसमें मोदी भारी पड़ेगा ।

रविकांत ने कहा कि अब नेताओं को सोचने की जरूरत है चाहे वह किसी भी पार्टी का हो जनता का मूड अब पहले जैसे नहीं रहा अब जनता पार्टी या व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि कई अन्य विषयों को भी ध्यान में रखकर वोट करती है जिस तरह विधानसभा चुनाव में 15 साल बाद भाजपा को 15 सीटों में सिमट के रह जाना पड़ा उसी तरह लोकसभा चुनाव में कांग्रेस मात्र 2 सीटों पर सिमट गई जबकि जिस पार्टी को विधान सभा के दौरान करारी हार का मुंह देखना पड़ा था उसी पार्टी ने लोकसभा चुनाव जोरदार जीत हासिल की ।
बाइट रविकांत कौशिक वरिष्ठ पत्रकार

हालांकि चुनाव में मिली हार के बाद कॉन्ग्रेस इस बात पर मंथन कर रही है कि वे क्या कारण थे जिसकी वजह से उन्हें 11 में से 9 सीटें गंवानी पड़ी और अब आने वाले समय में जनता के दिलों में जगह बनाने हैं उन्हें किस तरह से काम करना है




Body:नो


Conclusion:
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