बेमेतरा: जिले के खाम्ही गांव के एक बेसहारा परिवार (Destitute family) को घर मिला है. एक निजी संस्था बुजुर्ग महिला का घर बना रही है. संस्था के सदस्यों ने झोपड़ी में रहने वाली बेसहारा बुजुर्ग महिला के घर का निर्माण शुरू कर दिया है. सदस्यों का दावा है कि सिर्फ 20 दिनों में ही महिला का घर बनाकर तैयार हो जाएगा.
4 वर्षों से खंडहर में रह रही बेसहारा बुज़ुर्ग
शासन-प्रशासन के पदाधिकारी लगातार विकास का दावा करते रहते हैं, लेकिन नवागढ़ विधानसभा क्षेत्र के खाम्ही गांव की हकीकत कुछ और ही है. यहां एक बुजुर्ग महिला उत्तरा सोनी उर्फ बेबी सालों से झोपड़ी में रहने को मजबूर है. उसका मकान 4 साल पहले ढह गया था, तब से वो एक टूटी-फूटी झोपड़ी में रहकर ही अपना जीवन चला रही है. तेज बारिश और आंधी में वो झोपड़ी भी जवाब देने लगती है, तो स्वच्छ भारत मिशन का शौचालय सिर छिपाने के काम आता है. बारिश के लगभग सारे दिन इसी शौचालय में ही गुजरते हैं.
महिला को नहीं मिला शासन की योजना का लाभ
पात्र हितग्राही होने के नाते महिला ने कई बार प्रशासन से आवास की गुहार भी लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली. उत्तरा सोनी ने प्रधानमंत्री आवास के लिए 4 बार ग्राम पंचायत में आवेदन दिया, लेकिन सरपंच की तरफ से कोई मदद नहीं मिली.
24 घंटे के अंदर मिली सीएम से मदद, ताइक्वांडो प्लेयर शिवानी ने ETV भारत को कहा शुक्रिया
महिला की मदद करने निजी संस्था आगे आई
बेसहारा महिला की हालत की जानकारी जब निजी संस्था के युवाओं को लगी, तो वे महिला के सहयोग के लिए आगे आए. अब महिला का घर बनकर तैयार हो रहा है. संस्था के सदस्यों ने कहा कि उनकी संस्था महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करती है. फाउंडेशन के सदस्य मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि महिला को आर्थिक सहायता कर उसका घर बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही महिला का घर बनकर तैयार हो जाएगा.
4 बार आवेदन के बाद भी नहीं मिला आवास
गांव के सरपंच दिलीप अवस्थी ने बताया कि उन्हें इस महिला के बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में आवास के लिए कोई भी आवेदन नहीं मिला है. सरपंच ने कहा कि महिला के बारे में जानकारी जुटाकर जल्द ही उसे सहायता पहुंचाई जाएगी.