बेमेतरा: लॉकडाउन का दंश अगर सबसे ज्यादा कोई झेल रहा है तो वो है गरीब. उत्तर प्रदेश से साइकिल से परिवार के साथ लौट रहा मजदूर सड़क हादसे का शिकार हो गया था. उसे इस सफर की कीमत खुद की और पत्नी की जान देकर चुकानी पड़ी थी. इस एक्सीडेंट में दंपति के दो मासूम बच्चे घायल हुए थे, जिन्हें इलाज के बाद पुलिस ने चाचा को सौंप दिया है.
बुधवार रात मजदूर दंपति लखनऊ से बेमेतरा के लिए साइकिल से निकले थे लेकिन ये यात्रा उनकी आखिरी यात्रा बन गई. साइकिल पर पति-पत्नी कृष्णा साहू, प्रमिला साहू और उनके दो छोटे बच्चे बेमेतरा के लिए निकले. लेकिन इसी दौरान शहीद पथ पर एक ट्रक ने उन्हें ठोकर मार दी, जिसमें पति-पत्नी की मौत हो गई और दोनों मासूम घायल हो गए. बच्चों को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया.
सपा नेता ने की मदद
हालांकि बाद में लखनऊ के ही सपा नेता और पेशे से वकील प्रमोद सिंह ने उन मासूम बच्चों को निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनका इलाज किया गया. फिलहाल पुलिस ने दोनों बच्चों को उनके चाचा को सौंप दिया है. अस्पताल में मासूम अपने माता-पिता के लिए बिलख-बिलख कर रो रहे हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि अब उन्हें चुप कराने उनके माता-पिता नहीं आएंगे.
लॉकडाउन ने तोड़ दिया
इस हादसे में दोनों बच्चे तो बच गए लेकिन उन्हें जिंदगी भर का घाव इस लॉकडाउन ने दे दिया जो शायद कभी ना भर पाए. कोरोना वायरस से बचने के लिए किया गया ये लॉकडाउन जाने कितने दिन और ये दिल दहलाने वाली तस्वीरें दिखाएगा. पैदल, साइकिल से अपने घर लौटते मजदूर सरकार के मुंह पर करारा तमाचा हैं, जो विकास का नाम लेते नहीं थकती हैं.