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हल्की बारिश ने खोली प्रशासन की पोल, सैकड़ों कट्टा धान भीगा

प्रदेश में जल्द ही मानसून लगने वाला है, जिससे संग्रहण केंद्र में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं. प्रशासन को मानसून से पहले 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना है, जो एक चुनौती बनी हुई है.

खुले में पड़े धान
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Published : May 29, 2019, 11:32 PM IST

बेमेतरा: जिले की सेवा सहकारी समितियों से खरीदे गए धान संग्रहण केंद्र तक तो जरूर पहुंच चुके हैं, लेकिन राइसमिल तक नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं प्रदेश में जल्द ही मानसून लगने वाला है, जिससे संग्रहण केंद्र में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं. प्रशासन को मानसून से पहले 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना है, जो एक चुनौती बनी हुई है.

हल्की बारिश ने खोली प्रशासन की पोल

मंगलवार की दोपहर हुई आधे घंटे की बारिश और आधी तूफान में सैकड़ों कट्टा धान भींगकर खराब हो चुके हैं, जिसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. विभाग परिवहन में तेजी लाने की बजाय धानों के पर्याप्त कैप कवर होने और मानसून से पहले सप्लाई होने की बात कह रहा है.

70 गाड़ियों से हो रहा धान का परिवहन
जिला धान संग्रहण केंद्र सरदा के प्रभारी हितेश शर्मा ने बताया कि इस साल धान का भंडारण 11 लाख 61 हज़ार क्विंटल था, जिसमें से 8 लाख 5 हजार क्विंटल धान का परिवहन हो चुका है. 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन शेष है. यहां प्रतिदिन 70 गाड़ियों से धान परिवहन हो रहा है. 15 जून तक परिवहन पूरा कर लिया जाएगा.

बेमेतरा: जिले की सेवा सहकारी समितियों से खरीदे गए धान संग्रहण केंद्र तक तो जरूर पहुंच चुके हैं, लेकिन राइसमिल तक नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं प्रदेश में जल्द ही मानसून लगने वाला है, जिससे संग्रहण केंद्र में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं. प्रशासन को मानसून से पहले 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन करना है, जो एक चुनौती बनी हुई है.

हल्की बारिश ने खोली प्रशासन की पोल

मंगलवार की दोपहर हुई आधे घंटे की बारिश और आधी तूफान में सैकड़ों कट्टा धान भींगकर खराब हो चुके हैं, जिसके बाद भी प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. विभाग परिवहन में तेजी लाने की बजाय धानों के पर्याप्त कैप कवर होने और मानसून से पहले सप्लाई होने की बात कह रहा है.

70 गाड़ियों से हो रहा धान का परिवहन
जिला धान संग्रहण केंद्र सरदा के प्रभारी हितेश शर्मा ने बताया कि इस साल धान का भंडारण 11 लाख 61 हज़ार क्विंटल था, जिसमें से 8 लाख 5 हजार क्विंटल धान का परिवहन हो चुका है. 3 लाख 50 हजार क्विंटल धान का परिवहन शेष है. यहां प्रतिदिन 70 गाड़ियों से धान परिवहन हो रहा है. 15 जून तक परिवहन पूरा कर लिया जाएगा.

Intro:मानसून सिर पर ,यहां खुले में पड़े धान
धीमी परिवहन बनी समस्या, बेखबर प्रशासन

हल्की बारिश ने खोली प्रशासनिक व्यवस्था की पोल ,सैकड़ो कट्टा धान भींगे

बेमेतरा 29 मई

जिले के सेवा सहकारी समितियो से खरीदी किये गए धान संग्रहण केन्द्र तक तो पहुँच गए अब तक राईस मिल तक नही पहुँच पाए है और संग्रहण केंद्र सरदा में खुले में रखे धान पर बारिश का खतरा मंडरा रहा हैं जिसमे शाशन को बड़ी छती पहुँच सकती हैं अब मानसून के बचे 15 दिन में बचे 3 लाख 50 हज़ार क्यूंटल धान का परिवहन एक चुनौती होगी।

बता दे कि मंगलवार दोपहर हुई आधे घण्टे की आधी तूफान और बारिश ने सम्बधितो के सारे दावे की पोल खोल कर रख दी और खुले में पड़े सैकड़ो कट्टा धान बारिश की भेंट चढ़ गए।

इधर अब भी विभाग परिवहन में तेजी लाने की बजाय पर्याप्त कवर किया बात कर रहा है और मानसून से पहले सप्लाई की बात कर रहा है।

जिला धान संग्रहण केंद्र सरदा के प्रभारी हितेश शर्मा ने बताया कि इस वर्ष धान का भण्डारण 11 लाख 61 हज़ार क्यूंटल था जिसमे से 8 लाख 5 हज़ार क्यूंटल धान का परिवहन हो चुका है 3 लाख 50 हज़ार क्यूंटल धान का परिवहन शेष है। यहाँ प्रतिदिन 70 गाड़ियों से धान परिवहन हो रही है 15 जून तक परिवहन पूर्ण करा लिया जाएगा।

बाईट-हितेश शर्मा (धान संग्रहण केंद्र प्रभारी सरदा बेमेतरा)Body:BmtConclusion:Bmt
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