बेमेतरा: इन दिनों जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में 50 डॉक्टरों में 48 पद खाली पड़े हैं, जो 2 डॉक्टर हैं उसमें एक को सिविल सर्जन बना दिया गया है और दूसरे सीएचएमओ हैं. इसके कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
11 डॉक्टरों ने नहीं ज्वाइन की ड्यूटी
नई सरकार बनने पर अस्पताल में 17 नए डॉक्टर्स की भर्ती की गई थी, लेकिन 11 डॉक्टरों ने ड्यूटी ज्वॉइन ही नहीं की. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के हालात भी बेहद खराब हैं. ग्रामीण बताते हैं, ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ टीकाकरण के लिए खुलते हैं. बाकी दिन स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका रहता है.
झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी से जिले में झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले हो रही है. जिला अस्पताल की स्थिति इतनी खराब है कि आए दिन यहां इलाज के लिए हंगामा होते रहता है. आरोप है कि, अस्पताल में काम रहे नर्स और अन्य स्टॉफ भी कभी भी छुट्टी मार देते हैं, जिससे लोगों को नार्मल सर्दी-बुखार में भी इलाज के लिए झोलाझाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है.
जल्द खत्म होगी समस्या
सीएचएमओ सतीश शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के बारे में शासन को बता दिया गया है. इसके साथ ही समय-समय पर शासन को इससे जुड़ी जानकारी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल की समस्या का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा.