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बेमेतरा: डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, नई सरकार में भी 48 पद खाली

जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में 50 डॉक्टरों में 48 पद खाली पड़े हैं, जो 2 डॉक्टर हैं उसमें एक को सिविल सर्जन बना दिया गया है और दूसरे सीएचएमओ हैं. स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी से जिले में झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले हो रही है.

जिला अस्पताल
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Published : Jun 7, 2019, 12:01 PM IST

बेमेतरा: इन दिनों जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में 50 डॉक्टरों में 48 पद खाली पड़े हैं, जो 2 डॉक्टर हैं उसमें एक को सिविल सर्जन बना दिया गया है और दूसरे सीएचएमओ हैं. इसके कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, नई सरकार में भी 48 पद खाली

11 डॉक्टरों ने नहीं ज्वाइन की ड्यूटी
नई सरकार बनने पर अस्पताल में 17 नए डॉक्टर्स की भर्ती की गई थी, लेकिन 11 डॉक्टरों ने ड्यूटी ज्वॉइन ही नहीं की. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के हालात भी बेहद खराब हैं. ग्रामीण बताते हैं, ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ टीकाकरण के लिए खुलते हैं. बाकी दिन स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका रहता है.

झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी से जिले में झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले हो रही है. जिला अस्पताल की स्थिति इतनी खराब है कि आए दिन यहां इलाज के लिए हंगामा होते रहता है. आरोप है कि, अस्पताल में काम रहे नर्स और अन्य स्टॉफ भी कभी भी छुट्टी मार देते हैं, जिससे लोगों को नार्मल सर्दी-बुखार में भी इलाज के लिए झोलाझाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है.

जल्द खत्म होगी समस्या
सीएचएमओ सतीश शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के बारे में शासन को बता दिया गया है. इसके साथ ही समय-समय पर शासन को इससे जुड़ी जानकारी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल की समस्या का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा.

बेमेतरा: इन दिनों जिला अस्पताल में डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है. अस्पताल में 50 डॉक्टरों में 48 पद खाली पड़े हैं, जो 2 डॉक्टर हैं उसमें एक को सिविल सर्जन बना दिया गया है और दूसरे सीएचएमओ हैं. इसके कारण यहां आने वाले मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला अस्पताल, नई सरकार में भी 48 पद खाली

11 डॉक्टरों ने नहीं ज्वाइन की ड्यूटी
नई सरकार बनने पर अस्पताल में 17 नए डॉक्टर्स की भर्ती की गई थी, लेकिन 11 डॉक्टरों ने ड्यूटी ज्वॉइन ही नहीं की. जिले के स्वास्थ्य केंद्रों के हालात भी बेहद खराब हैं. ग्रामीण बताते हैं, ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ टीकाकरण के लिए खुलते हैं. बाकी दिन स्वास्थ्य केंद्र में ताला लटका रहता है.

झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और डॉक्टरों की मनमानी से जिले में झोलाझाप डॉक्टरों की बल्ले-बल्ले हो रही है. जिला अस्पताल की स्थिति इतनी खराब है कि आए दिन यहां इलाज के लिए हंगामा होते रहता है. आरोप है कि, अस्पताल में काम रहे नर्स और अन्य स्टॉफ भी कभी भी छुट्टी मार देते हैं, जिससे लोगों को नार्मल सर्दी-बुखार में भी इलाज के लिए झोलाझाप डॉक्टरों के पास जाना पड़ता है.

जल्द खत्म होगी समस्या
सीएचएमओ सतीश शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों की कमी के बारे में शासन को बता दिया गया है. इसके साथ ही समय-समय पर शासन को इससे जुड़ी जानकारी भेजी जा रही है. उन्होंने कहा कि जिला अस्पताल की समस्या का जल्द ही हल निकाल लिया जाएगा.

Intro:डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा जिला
अकेले जिला अस्पताल में 48 पद खाली
मरीज ईलाज कराने अब भी दीगर जिले की ले रहे शरण

बेमेतरा 6 जून

बेमेतरा जिला तो बना दिया गया लेकिन वर्षो बाद भी यहाँ स्वास्थ्य सुविधाओ का अभाव है विशेषज्ञ डॉक्टरो की कमी है जिसके कारण आज भी जिला निर्माण से पहले की तरह ही मरीजो को दूसरे जिले इलाज कराने जाना पड़ रहा हैं।

जिले के सबसे बड़े जिला अस्पताल की ही बात करे तो यहाँ स्वीकृत 50 डॉक्टरों में 48 पद खाली पड़े है और जो 2 डॉक्टर है जो उनमें से 1 सिविल सर्जन है दूसरे सीएचमो है।

अव्यवस्था का आलम यह है कि डॉक्टर नही होने से संविन्दा और झोलाछाप डॉक्टरों की बल्ले बल्ले है जो गॉवो में इलाज कर रहे है । जिला अस्पताल में स्थिति बेहद दयनीय है जहाँ आये दिन पीएम करने ऑपरेशन करने एवम एक्सिडेंट केश के इलाज के लिए हंगामा होता रहता हैं।

प्रदेश में नई सरकार बनते ही जिले में 17 नए डॉक्टर की भर्ती जिले में की गयीं परन्तु 11 डॉक्टर ने नौकरी जॉइन नही की और जिले के गॉवो में खुले स्वास्थ्य केंद्र भी केवल टीकाकरण के लिए खुलते है बाकी दिवस ताला लटका रहता हैं।

अस्पताल में कार्यरत नर्स और अन्य स्टॉप सहयोगियों की मदत से आये दिन आपसी तालमेल से छुट्टी मार देते है जो एक गंभीर समस्या है

इस संबंध में सीएचमो सतीश शर्मा ने कहा कि शासन को डॉक्टरों की कमी की जानकारी है समय समय पर जानकारी भेज दी जाती है जल्दी ही समस्या दूर होगी।Body:BmtConclusion:Bmt
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