बेमेतरा: प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के गृह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का हाल बेहाल है. यहां वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान भी स्वास्थय सेवाओं में सुधार नहीं आया है. जिले में डॉक्टरों की कमी है. जिसकी भरपाई जिला निर्माण के वर्षों बाद भी नहीं हो पाई है. वहीं अब भी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए लोग अन्य जिलों में जाने को मजबूर है.
जिले में शिशु रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं
जिले में प्रथम श्रेणी के अंतर्गत आने वाले डॉक्टरों के 51 में से 47 पद रिक्त हैं. वहीं केवल 4 पदों पर डॉक्टरों की भर्ती हो पाई है. जिसमें सर्जरी, शिशु और स्त्री रोग के विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं. द्वितीय श्रेणी के अंतर्गत जिले में 68 पद में से 14 रिक्त हैं. तृतीय श्रेणी स्वास्थ्य कर्मचारी के अंतर्गत 407 पदों के स्थान पर 169 कार्यरत हैं. वहीं 238 पद रिक्त हैं. चतुर्थ कर्मचारियों में 160 पदों में 51 कार्यरत हैं और 109 पद रिक्त हैं.
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नर्स के 100, एनएम के 45 पद रिक्त
जिले में पैथोलॉजिस्ट रेडियोलॉजिस्ट नाक कान गला रोग विशेषज्ञ के पदों पर आज तक भर्ती नहीं हो पाई है. वहीं इन सभी स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए लोगों को दीगर जिले के डॉक्टरों पर आश्रित होना पड़ रहा है. वहीं जिले में स्टाफ नर्स की भर्ती नहीं हुई है. यहां 100 पद रिक्त हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने वाली एनएम महिला के 45 पद रिक्त हैं. स्वास्थ्य संयोजक महिला के 18 पदों पर भरपाई नहीं हो पाई है. वहीं जिले में एक भी बीएमओ नहीं है. प्रभारी बीएमओ के भरोसे काम चलाया जा रहा है.
हाल में हुई 12 डॉक्टरों की भर्ती: सीएमएचओ
इस संबंध में जिले के सीएमएचओ डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि हाल में ही 12 डॉक्टरों की भर्ती शासन की ओर से हुई है. अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों की मांग की गई है, जिनकी बहाली प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जाएगी.