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बेमेतरा: फोरलेन सड़क के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़ - बेमेतरा में फोरलेन सड़क का निर्माण

बेमेतरा में करीब 30 करोड़ की लागत से नवागढ़ तिराहे से कोबिया मोड़ तक करीब 4 किलोमीटर की फोरलेन सड़क बनाई जा रही है. इसके तहत हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है.

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फोरलेन सड़क के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़
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Published : Jan 4, 2021, 1:44 PM IST

बेमेतरा: शहर में सौंदर्यीकरण के नाम पर करीब 30 करोड़ की लागत से नेशनल हाईवे पर नवागढ़ तिराहे से कोबिया मोड़ तक करीब 4 किलोमीटर की फोरलेन सड़क बनाई जा रही है. इसके निर्माण कार्य को लेकर तोड़फोड़ जारी है. वहीं, जिम्मेदारों द्वारा विकासकार्यों के नाम पर हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है.

फोरलेन सड़क के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़

वन विभाग द्वारा बनाई गई 9 नर्सरिया देखरेख के अभाव में उजड़ चुकी हैं, जिनमें 4 नर्सरी आग के हवाले हो चुकी थीं और अब विकासकार्यों के नाम पर हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है. अभी तक कई पुराने पेड़-पौधे काटे जा चुके हैं, जो शहर के वातावरण के लिए भी खतरा हैं. सड़क किनारे सफाई की आड़ में आसपास के ग्रामीण भी हरे-भरे पेड़-पौधों पर कुल्हाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं.

क्या है पोषण बाड़ी, जिससे इस गांव में हार रहा कुपोषण ?

वन विभाग के NOC के बाद ही काटे जा रहे पेड़

मामले को लेकर जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा ने कहा कि विकास कार्य के नाम पर पेड़-पौधे काटे जा रहे हैं, जिसके बदले में स्थान सुनिश्चित कर वृक्षारोपण करना अनिवार्य है. ऐसा नहीं हुआ तो इस पर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाली पर बिना वृक्षारोपण के कुल्हाड़ी चलाना उचित नहीं है. इसे लेकर कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कहा है कि वन विभाग से NOC के बाद ही वृक्ष की कटाई होती है. कलेक्टर ने बताया कि मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कराया गया है, ताकि क्षेत्र में हरियाली विकसित हो.



बेमेतरा: शहर में सौंदर्यीकरण के नाम पर करीब 30 करोड़ की लागत से नेशनल हाईवे पर नवागढ़ तिराहे से कोबिया मोड़ तक करीब 4 किलोमीटर की फोरलेन सड़क बनाई जा रही है. इसके निर्माण कार्य को लेकर तोड़फोड़ जारी है. वहीं, जिम्मेदारों द्वारा विकासकार्यों के नाम पर हरे-भरे पेड़ों की कटाई की जा रही है.

फोरलेन सड़क के नाम पर काटे जा रहे हरे-भरे पेड़

वन विभाग द्वारा बनाई गई 9 नर्सरिया देखरेख के अभाव में उजड़ चुकी हैं, जिनमें 4 नर्सरी आग के हवाले हो चुकी थीं और अब विकासकार्यों के नाम पर हरे-भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलाई जा रही है. अभी तक कई पुराने पेड़-पौधे काटे जा चुके हैं, जो शहर के वातावरण के लिए भी खतरा हैं. सड़क किनारे सफाई की आड़ में आसपास के ग्रामीण भी हरे-भरे पेड़-पौधों पर कुल्हाड़ी चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं.

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वन विभाग के NOC के बाद ही काटे जा रहे पेड़

मामले को लेकर जिला पंचायत सभापति राहुल टिकरिहा ने कहा कि विकास कार्य के नाम पर पेड़-पौधे काटे जा रहे हैं, जिसके बदले में स्थान सुनिश्चित कर वृक्षारोपण करना अनिवार्य है. ऐसा नहीं हुआ तो इस पर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि हरियाली पर बिना वृक्षारोपण के कुल्हाड़ी चलाना उचित नहीं है. इसे लेकर कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कहा है कि वन विभाग से NOC के बाद ही वृक्ष की कटाई होती है. कलेक्टर ने बताया कि मनरेगा के तहत वृक्षारोपण कराया गया है, ताकि क्षेत्र में हरियाली विकसित हो.



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