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बेमेतरा : बड़ी गुणकारी है अलसी, दाने से लेकर ठूंठ तक आता है काम

बेमेतरा : कृषि कल्याण मेले में किसानों को अलसी की खेती के फायदे बताए जा रहे हैं. अलसी की खेती करके 4 उद्योग चलाए जा सकते हैं. पहला उद्योग पौस्टिक बिस्किट, दूसरा कपड़ा उद्योग, तीसरा हाईक्वालिटी का पेपर उद्योग है जबकि अलसी से राखियां सहित अन्य कई प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन के समाग्री बनाए जा सकते हैं

अलसी
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Published : Feb 28, 2019, 2:35 PM IST

प्रोफेसर और अलसी विशेषज्ञ डॉ के. पी. वर्मा ने बताया कि, 'गुणकारी अलसी सबसे पहले तो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है इसके सेवन से ब्लॉकेज सहित कई अन्य हृदय संबंधित बीमारियों से निदान पाया जा सकता है. साथ ही अलसी से गुड़ के साथ लड्डू पापड़ी बनाकर सेवन किया जा सकता है'.

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दाने से लेकर ठूंठ तक उपयोगी
उन्होंने बताया कि, 'अलसी से चार अन्य उद्योग भी लगाए जा सकते हैं जिसमे पौष्टिक बिस्किट टोस्ट बनाए जा सकते हैं. उच्च कोटि के परिधान विकसित किए जा सकते हैं जो वातावरण के अनुकूल होते हैं. इसके ठूठ से हाईक्वालिटी के पेपर बनाए जा सकते हैं एवं रेशे से सौंदर्य प्रसाधन एवं राखियां बनाई जा सकती हैं'.


किसानों को किया जा रहा जागरूक
प्रोफेसर के.पी वर्मा ने बताया कि, 'बेमेतरा और कवर्धा में अलसी की खेती पूर्व में बड़े पैमाने पर होती थी, लेकिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाता था. अब पुनः उन्हें अलसी की खेती करने के लिए जागरूक किया जा सकता है, इसके बहुत फायदे हैं. अलसी प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है, जिसका बाजार भाव 4000 से 7000 किलो तक है.

प्रोफेसर और अलसी विशेषज्ञ डॉ के. पी. वर्मा ने बताया कि, 'गुणकारी अलसी सबसे पहले तो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है इसके सेवन से ब्लॉकेज सहित कई अन्य हृदय संबंधित बीमारियों से निदान पाया जा सकता है. साथ ही अलसी से गुड़ के साथ लड्डू पापड़ी बनाकर सेवन किया जा सकता है'.

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दाने से लेकर ठूंठ तक उपयोगी
उन्होंने बताया कि, 'अलसी से चार अन्य उद्योग भी लगाए जा सकते हैं जिसमे पौष्टिक बिस्किट टोस्ट बनाए जा सकते हैं. उच्च कोटि के परिधान विकसित किए जा सकते हैं जो वातावरण के अनुकूल होते हैं. इसके ठूठ से हाईक्वालिटी के पेपर बनाए जा सकते हैं एवं रेशे से सौंदर्य प्रसाधन एवं राखियां बनाई जा सकती हैं'.


किसानों को किया जा रहा जागरूक
प्रोफेसर के.पी वर्मा ने बताया कि, 'बेमेतरा और कवर्धा में अलसी की खेती पूर्व में बड़े पैमाने पर होती थी, लेकिन किसानों को लाभ नहीं मिल पाता था. अब पुनः उन्हें अलसी की खेती करने के लिए जागरूक किया जा सकता है, इसके बहुत फायदे हैं. अलसी प्रति एकड़ 8-10 क्विंटल प्रति एकड़ होती है, जिसका बाजार भाव 4000 से 7000 किलो तक है.

Intro:अलसी की खेती करके चलाये जा सकते है 4 उद्योग
गुणकारी है अलसी , दाने से लेकर ठूंठ तक आती है काम

बेमेतरा 26 फ़रवरी

नगर में लगे कृषि कल्याण मेले में किसानों को अलसी की खेती के फायदे बताये जा रहे है अलसी की खेती करके 4 उद्योग चलाये जा सकते है पहला उद्योग पौस्टिक बिस्किट दूसरा कपड़ा उद्योग तीसरा हाईक्वालिटी का पेपर उद्योग एवम चौथा राखियां सहित अन्य कई प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन के समाग्री बनाये जा सकते है।

प्रोफेसर एवम अलसी विशेषज्ञ डॉ के.पी वर्मा ने बताया कि गुणकारी अलसी सबसे पहले तो स्वास्थ्य के लिए अत्यधिक लाभकारी है इसके सेवन से ब्लॉकेज सहित कई अन्य हृदय संबंधित बीमारियों से निदान पाया जा सकता है साथ ही अलसी से गुड़ के साथ लड्डू पापड़ी बनाकर सेवन किया जा सकता है।अलसी से चार अन्य उद्योग भी लगाए जा सकते है जिसमे पौष्टिक बिस्किट टोस्ट बनाये जा सकते है उच्च कोटि के परिधान विकसित किये जा सकते है वो वातावरण के अनुकूल होते हैं। इसके ठूठ से हाईक्वालिटी के पेपर बनाये जा सकते एवम रेशे से सौंदर्य एवम राखियां बनाई जा सकती है ।

प्रोफेसर के.पी वर्मा ने बताया कि बेमेतरा एवम कवर्धा में अलसी की खेति पूर्व में वृहद मात्रा में हुई है परंतू किसानों को लाभ नही मिला था ।अब पुनः उन्हें खेती करने जागरूक किया जा सकता है इसके बहुत फायदे है।अलसी प्रति एकड़ 8-10 क्यूंटल प्रति एकड़ होते है जिसका बाजार भाव 4000 से 7000 किलो तक है।

बाईट -प्रोफेसर के.पी वर्मा अलसी विशेषज्ञ


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