बेमेतरा: मारो नगर पंचायत में कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन इसे लेकर प्रशासन सतर्क नहीं है. प्रशासनिक उदासीनता का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. मारो में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को कोविड-19 सेंटर के रूप में विकसित किया गया है. यहां अस्पताल तो सज कर तैयार है, लेकिन अब तक अस्पताल का औपचारिक उद्घाटन नहीं होने के कारण इलाज की सुविधा मरीजों को नहीं मिल रही है. इसका कारण डॉक्टरों की तैनाती नहीं होना है. इसका नतीजा मारो पर आश्रित करीब 40 गांव के ग्रामीणों को नवागढ़ बेमेतरा के अलावा बिलासपुर और भाठापारा जाना पड़ रहा है. मारो छत्तीसगढ़ (36 गढ़) का 1 गढ़ है. प्राचीन नगर होने के बाद भी मारो स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है.
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कोविड अस्पताल को डॉक्टर का इंतजार
नगर पंचायत मारो के सांस्कृतिक भवन में 15 बिस्तरों का अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाया है जो अभी शुरू नहीं हो सका है. यहां सुविधा के नाम पर बिस्तर पंखा और पानी है. ऑक्सीजन, दवाई और डॉक्टरों की व्यवस्था अबतक नहीं हो पाई है. लिहाजा कोरोना काल के मरीज दूसरे अस्पतालों में कराने को मजबूर हैं.
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इलाज के लिए भाटापारा-बिलासपुर जा रहे मरीज
नगर पंचायत मारो में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर शून्यता की स्थिति है. रात में किसी को इलाज की जरूरत हो तो उन्हें भाटापारा, बिलासपुर या बेमेतरा जिला मुख्यालय जाना पड़ता है. इस विषम स्थिति से कोरोना वायरस जिस तरह से स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल किया जा रहा है. उसी तरीके से मारो में भी इलाज और आपातकालीन की सुविधा उपलब्ध कराना बेहद जरूरी है.
जल्द शुरू होगा अस्पतालः सीएमओ
इस संबंध पर क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं मारो नगर पंचायत के उपाध्यक्ष जितेंद्र तिवारी ने बताया कि अब तक मारो में कोविड-19 ताल में इलाज शुरू नहीं हो सका है. जिसके कारण नगर पंचायत एवं संबंधित क्षेत्र के लोगों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है. नगर पंचायत मारो के सीएमओ आरपी नेताम ने बताया कि जिला प्रशासन के निर्देशों के बाद 15 बिस्तरों का अस्थाई कोविड-19 बनाया गया है. ऑक्सीजन दवाई और डॉक्टर की सुविधा जिला प्रशासन से मिलने के बाद हॉस्पिटल शुरू होगा.