बेमेतरा: साजा थाना क्षेत्र के ग्राम जगन्नाथपुर के एक परिवार में 14 साल की नाबालिग लड़की की शादी गांव के ही नाबालिग लड़के के साथ की जा रही थी. जैसे ही इसकी जानकारी महिला एवं बाल विकास विभाग को मिली, उन्होंने मौके पर पहुंचकर शादी रुकवाई. महिला एवं बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया. टीम ने परिजनों को समझाया और बताया कि बाल विवाह अपराध है और इसके क्या नुकसान होते हैं.
गरियाबंद: बाल सरंक्षण की टीम ने रुकवाया बाल विवाह
परिजनों से भरवाया गया शपथ पत्र
मामला साजा ब्लॉक के पंचायत परसबोड के आश्रित ग्राम जगन्नाथपुर का है. यहां शुक्रवार को गांव में 14 वर्षीय नाबालिग लड़की का विवाह नाबालिग लड़के के साथ होना था, तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस अधिकारी के साथ महिला एवं बाल विकास और चाइल्ड लाइन के अधिकारी वहां पहुंच गए. परिजनों को समझाकर लड़की की शादी 18 साल और लड़के की शादी 21 साल में करने को कहा गया. वहीं दोनों पक्षों से बालिग होने के बाद ही विवाह करने का निर्देश देते हुए शपथ पत्र भरवाया गया. परिजनों को बाल विवाह कानून के बारे में भी जानकारी दी गई. अधिकारियों ने बताया कि बाल विवाह करने पर 2 वर्ष के कठोर कारावास और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है.
शादियों को लेकर सजग नहीं परिजन
जिले के अलग-अलग इलाकों में लगातार बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं. कम उम्र में शादी को लेकर ग्रामीण सजग नहीं हैं. वहीं लगातार कम उम्र में ही शादी करने का मामला लगातार देखने को मिल रहा है. ऐसे मामलों में महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी समझाइश देकर विवाह रोकने का काम कर रहे हैं. पुलिस के सहयोग से लगातार बाल विवाह पर अंकुश लगाने का काम किया जा रहा है. जिले में विभाग ऐसे मामलों में सक्रिय नजर आ रहा है.