बेमेतरा: जिले के साजा ब्लाक के नगर पंचायत देवकर में बाल विवाह का मामला सामने आया है. वार्ड क्रमांक 1 में एक परिवार में दो नाबालिग बालिकाओं का विवाह कराए जाने की सूचना मिली थी.
सूचना के बाद सहायक जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी रमाकांत चंद्राकर के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव की टीम के साथ बालिकाओं के निवास पर पहुंचे.
25 जून को आने वाली थी बारात
अधिकारियों ने बालिका के परिवार वालों को विवाह रोकने के लिए समझाइश दी. जिस पर परिजनों ने सहर्ष ही बालिका की आयु 18 साल पूर्ण होने के बाद ही विवाह किए जाने के लिए अपनी सहमति प्रदान की और विवाह स्थगित करने की बात कही. वहीं जानकारी के मुताबिक बारात मोहगांव ग्राम कबीरधाम जिला और कोहडीया ग्राम कबीरधाम से 25 जून को आने वाली थी.
अधिकारियों के समझाइश पर माने परिजन
बालिका के परिजनों का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम था कि 18 साल से कम आयु की बालिका और 21 साल से कम आयु के बालक का विवाह गैर कानूनी है. अधिकारियों के समझाइश दिए जाने पर परिवार के लोगों ने बालिका का विवाह 18 साल की आयु होने के बाद कराए जाने का शपथ लिया.
2 साल की सजा और 1 लाख जुर्माना
बालिका और परिजनों को बालक कल्याण समिति बेमेतरा में बाल विवाह के मामले में समझाइश देने के लिए बुलाया गया था. उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 में उल्लेखित प्रावधानों के बारे में बताया गया. बालक कल्याण समिति ने बताया कि 18 साल से कम आयु की बालिका और 21 साल से कम आयु का बालक का विवाह करना या करवाना अपराध है. उन्होंने परिजनों को आगे बताया कि जो भी व्यक्ति ऐसा करता या कराता है या विवाह में सहयोग करता है, तो उसे भी 2 साल तक कठोर कारावास अथवा 1 लाख रुपए तक जुर्माना हो सकता है.
अधिकारी पहुंचे विवाह स्थल पर
विवाह रोकने के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव, पर्यवेक्षक मानेश्वरी कुर्रे, सामाजिक कार्यकर्ता आनंद धृतलहरे, बेमेतरा चाईल्ड लाइन से शैलेजा गेंड्रे, पुलिस विभाग देवकर चौकी के सहायक निरीक्षक एम एल चावले, कांस्टेबल और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोग विवाह स्थल पर पहुंचे थे.