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बेमेतरा: दाढ़ी से छिरहा मार्ग के बीच पुल 2 महीने से क्षतिग्रस्त, प्रशासन से मरम्मत की मांग

बेमेतरा में दाढ़ी से छिरहा मार्ग के बीच पुल 2 महीने क्षतिग्रस्त है. ग्रामीणों में पुल को लेकर भय है. शासन-प्रशासन को इस पुल के हालातों से अवगत कराया गया है. लेकिन अब तक राहत की कोई पहल नहीं हुई है.

Bridge damaged between dadhi to chirha
पुल 2 महीने से क्षतिग्रस्त
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Published : Aug 22, 2020, 12:55 AM IST

बेमेतरा: दाढ़ी से छिरहा जाने वाले रास्ते में ग्राम बिरसिंघी से बैहरसरी के बीच 15 साल पहले बना पुल बाढ़ के पानी की धार को नहीं झेल सका. महज 15 साल में ही पुल इतना जर्जर हो गया कि बाढ़ से हुई मिट्टी के कटाव में पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. घटना के 2 महीने बाद भी पुल का मरम्मत नहीं हो सका है. यहां कभी भी लोग हादसे के शिकार हो सकते हैं. पुल के कमजोर होने से लोगों में हादसे डर भी बना हुआ है. बता दें पुल का निर्माण 15 साल पहले ADB परियोजना के अंतर्गत हुआ था.

पुल 2 महीने से क्षतिग्रस्त

पढ़ें: जड़ी-बूटियों से बने 'आयुर्वेदिक गणपति', कोरोना काल में दे रहे काढ़ा पीने का संदेश

क्षेत्र में हुई बारिश से नदि-नाले उफान पर हैं. ऐसे में बढ़े हुए जलस्तर के कारण मिट्टी के किनारे-किनारे कटाव होने लगा. इसी कटाव के बीच पुल पर बनी रेलिंग बह गई. लोगों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. जिसके बाद मौके पर SDOP राजीव शर्मा, नयाब तहसीलदार राजकुमार मरावी और PWD के मुख्य अभियंता निर्मल सिंह मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने पुल का जायजा लिया था.

पुल निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही और निम्न स्तर के निर्माण कार्य का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानिय लोगों का माने को पुल निर्माण के वक्त निर्माण कार्य में कोताही बरती गई थी. जिस कारण पुल कमजोर है. गुणवत्ता को ताक में रखकर कार्य किया गया था. ग्रामीणों ने इस परेशानी से विधायक औऱ कलेक्टर को भी अवगत करवा दिया है. लेकिन अब तक इस ओर किसी भी प्रकार की राहत से जुड़ी पहल नहीं हो सकी है.

बेमेतरा: दाढ़ी से छिरहा जाने वाले रास्ते में ग्राम बिरसिंघी से बैहरसरी के बीच 15 साल पहले बना पुल बाढ़ के पानी की धार को नहीं झेल सका. महज 15 साल में ही पुल इतना जर्जर हो गया कि बाढ़ से हुई मिट्टी के कटाव में पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. घटना के 2 महीने बाद भी पुल का मरम्मत नहीं हो सका है. यहां कभी भी लोग हादसे के शिकार हो सकते हैं. पुल के कमजोर होने से लोगों में हादसे डर भी बना हुआ है. बता दें पुल का निर्माण 15 साल पहले ADB परियोजना के अंतर्गत हुआ था.

पुल 2 महीने से क्षतिग्रस्त

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क्षेत्र में हुई बारिश से नदि-नाले उफान पर हैं. ऐसे में बढ़े हुए जलस्तर के कारण मिट्टी के किनारे-किनारे कटाव होने लगा. इसी कटाव के बीच पुल पर बनी रेलिंग बह गई. लोगों ने इसकी जानकारी अधिकारियों को दी. जिसके बाद मौके पर SDOP राजीव शर्मा, नयाब तहसीलदार राजकुमार मरावी और PWD के मुख्य अभियंता निर्मल सिंह मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने पुल का जायजा लिया था.

पुल निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही और निम्न स्तर के निर्माण कार्य का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. स्थानिय लोगों का माने को पुल निर्माण के वक्त निर्माण कार्य में कोताही बरती गई थी. जिस कारण पुल कमजोर है. गुणवत्ता को ताक में रखकर कार्य किया गया था. ग्रामीणों ने इस परेशानी से विधायक औऱ कलेक्टर को भी अवगत करवा दिया है. लेकिन अब तक इस ओर किसी भी प्रकार की राहत से जुड़ी पहल नहीं हो सकी है.

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