बेमेतरा: जिला मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर नवागढ़ मार्ग पर ग्रामपडकीडीह-अंधियारखोर में हाफ नदी के तट पर शनि देव का खुला मंदिर है. जो हूबहू विश्व प्रसिद्ध महाराष्ट्र के शनि सिगनापुर के शनि मंदिर जैसा प्रतीत होता है. यह मंदिर क्षेत्रवासियों के बीच आस्था का केंद्र है. गांव में शनि मंदिर होने के कारण पडकीडीह गांव को शनिधाम के नाम से अंचल में जाना जाता है. इस मंदिर में रोज श्रद्धालुओं का ताता लगता है.शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां अपने मन्नत मांगने पहुंचते हैं
कब हुआ मंदिर का निर्माण : पडकीडीह शनि धाम मंदिर का निर्माण 2018 में हुआ. जिसके स्थापना के अवसर पर 108 कुंडलीय श्री रूद्र महायज्ञ ने श्री रामचरित मानस सम्मेलन का आयोजन ग्रामीणों के सहयोग से किया था. जिसमें चित्रकूट कामतानाथ पीठाधीश्वर जगद्गुरु रामानंदाचार्य रामस्वरूपाचार्य महाराज के सानिध्य में यज्ञ हवन पूजन स्थापना मानस सम्मेलन कार्यक्रम संपन्न कराए गए थे.
कैसा है मंदिर का स्वरुप :पड़कीडीह उद्यानिकी के निकट शनि धाम मंदिर अपनी प्राकृतिक सौंदर्यता एवं हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेती है. मंदिर के बाजू में जहां उद्यानिकी विभाग के बाग हैं. वहीं पीछे हाफ नदी का सुरम्य का तट है. मंदिर संस्थान के द्वारा भी मंदिर परिसर में पेड़ पौधे लगाकर हरियाली रखी गई है.इस इस मंदिर में रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु क्षेत्र से पहुंचते हैं. वहीं शनिवार को मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शनि देवता के दर्शन करने पहुंचते हैं. वहीं मंदिर में ही पूजन सामग्री तिल के तेल सरसों के तेल उड़द दाल काला कपड़ा लोहा नारियल नारियल गुलाल पूजन सामग्री पुष्प उपलब्ध हो जाता है.
काला कपड़ा और नारियल से मन्नत होती है पूरी : शनि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं का ऐसा मानना है कि मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है. वह पूरी हो जाती है. श्रद्धालुओं की माने तो मंदिर में काले रंग के कपड़े में नारियल बांधा जाता है. मन्नत पूरी होने के बाद उस नारियल को श्रद्धालु आकर खोल देते हैं. वर्तमान में भी सैकड़ों नारियल मंदिर में बंधे हुए हैं. जो इस बात का प्रमाण हैं.
ये भी पढ़ें- बालरुपी शनिदेव हर लेंगे सारे कष्ट, जानिए कैसे करें पूजा
कैसे करते हैं शनिदेव की पूजा :पुजारी अशोक वैष्णव ने बताया कि ''क्षेत्रवासी रोज यहां शनि देव के दर्शन को आते हैं. शनिवार को यहां 400 से 500 लोग दर्शन करने पहुंचते हैं. लोगों की मन्नत रहती है तो काले कपड़े में नारियल बांधते हैं. पूरी होने के बाद नारियल को खोल दिया जाता है.इस मंदिर में पूजा करने से शनि दोष साढ़े साते शनि अढ़इया शनि या राहु केतु संबधी ग्रह में परेशानी है तो 7 बार मंदिर आना होता है .9 शनिवार उपवास के बाद हवन पूजन कराया जाता है. जिससे कष्टों का निवारण होता है. श्रद्धालु विनय सोनी ने कहा 'पडकीडीह का शनिधाम क्षेत्रवासियों के आस्था का बड़ा केंद्र है यहां रोज श्रद्धालु आते हैं और उनकी मन्नतें पूरी होती है.'