बिलासपुर: जिले में कोरोना संदिग्ध बच्ची की मौत का केस अब तूल पकड़ने लगा है. बिलासपुर विधायक शैलेष पांडेय ने ETV भारत से बताया कि पीड़ित परिवार के कहने पर वे इस केस में उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करेंगे.
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बता दें कि 30 मई को मस्तूरी क्षेत्र की रहने वाली एक 9 साल की कोरोना संदिग्ध बच्ची की मौत हो गई थी. एक जून की रिपोर्ट में वो कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. वहीं इस पर बच्ची के पिता ने सिम्स पर उदासीनता का आरोप लगाया है. बच्ची के पिता का सिम्स प्रबंधन पर आरोप है कि, आनन-फानन में गंभीर रूप से बीमार बच्ची को उनके साथ अस्पताल से रवाना कर दिया गया था. उस समय बच्ची की स्थिति काफी गंभीर थी. बच्ची के पिता का कहना है कि अस्पताल प्रशासन ने दूसरे निजी अस्पताल ले जाने की बात कहकर उन्हें रवाना कर दिया.
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बच्ची के पिता ने उन्हें गुमराह कर अस्पताल से रवाना करने का भी आरोप लगाया है. सबसे बड़ा सवाल यह उठाता है कि आखिर सिम्स प्रबंधन ने गंभीर रूप से बीमार बच्ची की कोरोना रिपोर्ट आने तक का इंतजार क्यों नहीं किया. इस मामले में CMHO ने खुद सिम्स प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा है कि इस पूरे घटनाक्रम में सिम्स प्रबंधन ने उनसे संपर्क तक नहीं किया. वहीं बिलासपुर विधायक अब इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की बात कर रहे हैं.