बेमेतरा: बेमेतरा के बाजार पारा में स्थित प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर 150 साल पुराना है. आजादी के पहले यह मंदिर कच्ची झोपड़ी में हुआ करता था. लेकिन बाद में इसे मंदिर से जुड़ी संस्था ने भव्य रूप दिया. इस मंदिर में राधा कृष्ण के साथ ही शिव मंदिर और जगन्नाथ भगवान की प्रतिमा भी विराजमान है. साथ ही मंदिर में गौशाला भी है. जहां गौ माता की सेवा मंदिर में रह रहे बालक करते हैं. मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है. जो पूरे बेमेतरा जिले के साथ साथ छत्तीसगढ़ में भी प्रसिद्ध है. वहीं सुबह शाम इस मंदिर में भक्त भगवान के दर्शन करने पहुंचते है.
"भक्तों को मनोवांछित फल की होती है प्राप्ति": राधा कृष्ण मंदिर के महंत श्री सुखदेव दास जी शास्त्री ने बताया कि "श्री राधा कृष्ण मंदिर 150 वर्ष पुराना है. इस मंदिर में राधा कृष्ण भगवान भक्तों की मनोकामना पूर्ण करते हैं. यह मंदिर सिद्ध मंदिर है. इस मंदिर में साधु सेवा, ब्राह्मण सेवा, गौ सेवा और विद्यार्थी सेवा होती है. इस मंदिर में रोज भक्तों का आना जाना लगा रहता है. यहां विधि विधान से पूजन के कार्य कराए जाते हैं. वहीं जो लोग यहां आकर भगवान से मनोकामना मांगते हैं. उनकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है."
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राधा कृष्ण की छवि मोह लेती है भक्तों का मन: बेमेतरा के सैकड़ों साल पुराने इस मंदिर में राधा कृष्ण की मनमोहिनी छवि श्रद्धालुओं का मन मोह लेती है. मंदिर में कृष्ण जी सांवले स्वरूप में विराजमान है. वहीं किशोरी जी गोरे रूप में विद्यमान हैं. इसके साथ ही कृष्ण जी के बाल स्वरूप, गोपाल जी की अलग-अलग मूर्ति मंदिर में मौजूद हैं. वर्तमान में महंत सुखदेव दास जी शास्त्री मंदिर के संरक्षक हैं. जिनके सानिध्य में पूजन का कार्य संपन्न होता है.