बेमेतरा: जिले में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों की मजदूरी नहीं मिलने से परेशान ग्रामीणों ने कलेक्टर ने इसकी शिकायत की है. ग्रामीणों ने शिकायत की है कि मनरेगा के कार्यों में रोजगार सहायक घोटाला कर रहे हैं. जिले के दर्जनों गांव के ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर और सीईओ से की थी. ग्रामीणों की शिकायत पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
पढ़ें- बेमेतरा:मारो में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और जीवनदीप के सदस्यों में बढ़ा विवाद
बेमेतरा जिले के ग्राम सूखाताल उमरिया, अतरिया, धनगांव, मरका सहित दर्जनों ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों और मजदूरों ने रोजगार सहायकों के काम में लापरवाही बरतने की शिकायत की थी. ग्रामीणों का कहना है कि रोजगार सहायक मजदूरी का फर्जी भुगतान और मंच से ही मस्टररोल तैयार कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि इसकी शिकायत कई बार जिम्मेदारों से की गई है. इसके बाद भी अबतक कोई जांच नहीं की गई है.
रोजगार सहायकों के हौसले बुलंद
ग्राम पंचायत धनगांव में 2017-18 में करीब 8 लाख की लागत से नर्सरी बनाई गई थी जो देखरेख के अभाव में पूरी तरह से बंजर हो गई है. एक बार फिर घोटाला करने के उद्देश्य से नर्सरी बनाने के लिए 6 लाख की राशि मनरेगा के तहत जारी कर दिए गए हैं. मनरेगा के तहत किए गए कार्यों में लगातार अनिमियता बढ़ती जा रही है, लेकिन कार्रवाई के अभाव में रोजगार सेवकों के हौसले बुलंद नजर आ रहे हैं.
कोरोना काल का बहाना
रोजगार सहायकों की अनियमितता पर कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह पूछने पर कलेक्टर शिव अनन्त तायल ने कहा कि रोजगार सहायकों की शिकायत आई है, जिनपर जांच की जा रही है. कुछ प्रकरणों में बर्खास्तगी की कार्रवाई भी की जा रही है, लेकिन अभी कोरोना की वजह से करवाई करना संभव नहीं है आगे कार्रवाई की जाएगी. जिला पंचायत सीईओ रीता यादव ने मामले में पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मामले में शिकायत आती है तो जांच की जाती है.