जगदलपुर: जिले में मनरेगा भुगतान में लापरवाही और मनमानी किए जाने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. मनरेगा के कार्यों के भुगतान में सरपंच और सचिव मानमानी कर रहे हैं. बस्तर ब्लॉक के भैंसगांव ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव पर ग्रामीणों ने भूगतान नहीं करने और मनरेगा के पैसों के फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं. ग्रमीणों का कहना है कि मजदूरी के 3 साल बीत जाने के बावजूद अब तक भूगतान नहीं हो सका है. मजदूर अपने पैसों के लिए दर-दर की ठोकर खा रहे हैं.
लगभग 3 साल पहले भैसगांव में मनरेगा योजना के तहत पुलिया और सड़क काा निर्माण हुआ था. इस कार्य में गांव के करीब 70 मजदूरों ने काम किया था. जिनमें से लगभग आधे मजदूरों को इस काम का भुगतान नहीं किया गया है. इतने साल बीत जाने के बावजूद भूगतान नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने इस समस्या से अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिल सकी है.
पढ़ें: COVID-19 UPDATE: प्रदेश में मिले 17 नए कोरोना पॉजिटिव, अब 861 एक्टिव केस
फर्जीवाड़ा उजागर लेकिन कार्रवाई नहीं.
ग्रामीणों ने बताया कि भुगतान को लेकर उन्होंने जनपद पंचायत के CEO से भी गुहार लगाई, सीईओ ने उनके पैसे उनके खाते में आने की बात कही. लेकिन कार्य के 3 साल बीतने को है. अब तक उनको भुगतान का एक भी रुपए नहीं मिल सका है. इधर सरपंच सचिव कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं. अधिकारी भी मामले में शांत हैं. बता दें करीब 30 ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्होंने मनरेगा के तहत कार्य किया था तो उनके जॉब कार्ड में इसे एंट्री नहीं किया गया. सरपंच-सचिव ने जानबूझ कर एंट्री नहीं कराई ताकि बाद में भुगतान न करना पड़े.